17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजनीतिक कमजोरी से हारी राजधानी, जयपुर की एम्स के लिए कब आएगी बारी

जोधपुर एम्स शुरू हुए 11 साल, अब भी जयपुर से दिल्ली जाने की ही मजबूरी - एसएमएस पर अब और बोझ नहीं...जयपुर को भी चाहिए केन्द्रीय संस्थान - जयपुर के सरकारी अस्पतालों में 500 मरीज हर समय वेटिंग में

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Jain

Apr 19, 2023

sms.jpg

विकास जैन

जयपुर। मैं जयपुर (jaipur) हूं..मेरी आबादी करीब 50 लाख तक पहुंच रही है। राज्य ही नहीं..बल्कि आस-पास के राज्यों से भी यहां लोग कामकाज, इलाज और शिक्षा (education) गृहण करने के लिए आ रहे हैं..ऐसे में विकास के बड़े कामों में पहली प्राथमिकता मुझे मिले..ऐसी मेरी अभिलाषा है..यह जयपुर के दिल की वह बात है..जो वह सबसे कहना चाहता है। लेकिन राजनीतिक कमजोरी जयपुर के विकास पर भारी पड़ रही है। देश के हर राज्य को बमुश्किल मिलने वाले ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (aims) की सौगात भी जयपुर के बजाय राजनीतिक तौर पर अधिक मजबूत जोधपुर को दी गई। अब यह सौगात जयपुर को भी मिले..इसकी कोई बात भी करता नहीं दिख रहा।

राज्य में इलाज सुविधाओं के लिहाज से जयपुर सबसे बड़ा शहर है। एसएमएस (sms hospital) अस्पताल का ओपीडी सालाना 30 से 35 लाख का है। हर समय इस अस्पताल में करीब 3 हजार मरीज भर्ती रहते हैं। अकेले एसएमएस, जेकेलोन में ही ऑपरेशन जांच और इलाज के लिए प्रतिदिन वेटिंग करीब 500 की रहती है। आईसीयू सुविधा पाना यहां आसान नहीं है। सुपर स्पेशियलिटी विभागों में एक से दो महीने बाद तक की वेटिंग मिल रही है।

दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जाने की मजबूरी...

- जोधपुर एम्स (jodhpur aims) की स्थापना वर्ष 2012 में यूपीए सरकार के समय हुई थी। लेकिन अब तक यह पूरे प्रदेश के मरीजों के लिहाज से उपयुक्त नहीं बन पाया है। जयपुर और पूर्वी राजस्थान के मरीज यहां ना के बराबर जाते हैं। इस कारण जयपुर के अस्पतालों पर मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य के हर जिले की पहली आस जयपुर होता है, यहां भी इलाज नहीं मिलने पर यहां के लोग दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद आदि शहरों में इलाज के लिए जाते हैं।

जयपुर : 19 विधायक, 2 सांसद.. कब बोलेंगे

जयपुर शहर में 10 सहित जिले में 19 विधायक हैं। इसके अलावा जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण के तौर पर दो सांसद लोकसभा में जयपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन आज तक किसी भी विधायक और सांसद ने पुरजोर तरीके से जयपुर के लिए यह मुद्दा नहीं उठाया। जबकि जोधपुर तीन बार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का (ashok gahlot) गृह शहर है। क्षेत्र के नेताओं का दिल्ली में भी खासा प्रभाव रहता आया है। जिसका फायदा इस क्षेत्र को मिला।

जयपुर से सीधे जुड़ेंगे 12 जिले

जयपुर में एम्स शुरू होने पर जयपुर ही नहीं बल्कि टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, सीकर, झुंझुनूं, अजमेर, कोटा, बूंदी सहित करीब एक दर्जन जिलों से एम्स की दूरी मात्र 60 से अधिकतम 250 किलोमीटर की रह जाएगी।

अब इनसे आस...जा कर सकते हैं पूरी...

रामचरण बोहरा : सांसद, जयपुर शहर
राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जयपुर ग्रामीण

---

किसी भी राज्य में उच्च और प्राथमिक स्तर की चिकित्सा सुविधाओं का विकास होना चाहिए। जयपुर को एम्स जैसी सुविधा मिलनी ही चाहिए। साथ ही निचले स्तर पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा तंत्र को भी मजबूत किया जाना चाहिए।
छाया पचौरी, जनस्वास्थ्य संगठन

---

जयपुर को एम्स मिलना ही चाहिए। जिस तरह से यहां चिकित्सा सुविधाओं की जरूरत बढ़ती जा रही है। प्रदेश के सभी सांसदों को मिलकर संसद में यह मुद्दा उठाना चाहिए।
महेन्द्र सोनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सामाजिक अन्वेषण एवं शोध संस्था, निवासी झोटवाड़ा