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सिरदर्द बनी नई व्यवस्था… बीमारी से संबंधित विभाग वाले काउंटर पर ही बन रही पर्ची

एसएमएस अस्पताल के धन्वंतरि ब्लॉक में 26 काउंटरों को विभागों के अनुसार बांटा मरीज बोले, पुरानी व्यवस्था हो लागू

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Dec 18, 2023

सिरदर्द बनी नई व्यवस्था... बीमारी से संबंधित विभाग वाले काउंटर पर ही बन रही पर्ची

सवाई मानसिंह अस्पताल के धन्वंतरि ब्लॉक में रजिस्ट्रेशन काउंटर जिन्हें विभागों के अनुसार बांट दिया गया।

सवाई मानसिंह अस्पताल के धन्वंतरि ब्लॉक में कतारों को खत्म करने के दावे महज कागजी साबित हो रहे हैं। अब हाल यह है कि कतारों में एक से डेढ़ घंटे लगने के बाद भी मरीजों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। दरअसल, ओपीडी ब्लॉक में डॉक्टर से परामर्श के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर बने हुए हैं। अब तक अलग-अलग श्रेणी (महिला, पुरुष, दिव्यांग आदि) के अनुसार रजिस्ट्रेशन की पर्चियां बन रही थी, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत 26 काउंटरों को अलग-अलग श्रेणी की बजाय विभागों के अनुसार बांट दिया है। इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है धन्वंतरि ब्लॉक में प्रतिदिन 13 हजार से अधिक मरीज या उनके परिजन पर्ची बनवाने के लिए कतार में खड़े होते हैं।

ऐसे हो रही परेशानी

जिस विभाग की ओपीडी में मरीज को दिखाना है, अब उसके काउंटर से ही पर्ची बन रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए आते हैं। जानकारी नहीं होने पर या फिर गफलत में कई मरीज दूसरे विभाग की कतार में खड़े हो जाते हैं। लंबे इंतजार के बाद जैसे ही उनका नंबर आता है तो पर्ची बनाने से इंकार कर दिया जाता है। ऐसे में मरीज या परिजन को संबंधित विभाग के काउंटर की कतार में फिर से लगना पड़ता है। इसके अलावा कुछ काउंटरों पर अधिक और कुछ पर कम भीड़ रहती है। ऐसे में मरीज कम भीड़ वाले काउंटर की कतार में खड़ा हो जाता है, लेकिन नंबर आने पर मरीज को बताया जाता है कि वह गलत काउंटर पर खड़ा है। वहीं, कम भीड़ वाले काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करने वाला कर्मचारी खाली बैठा रहता है और अधिक भीड़ वाले काउंटर पर मरीज जूझते रहते हैं।

पर्ची बनवाने में लगे डेढ़ घंटे

सीकर से आए एक मरीज के परिजन ने बताया कि उसके पिता को हार्ट की दिक्कत है। रजिस्ट्रेशन के लिए हर बार की तरह इस बार भी तीन नंबर काउंटर पर कतार में लग गया। नंबर आया तब पर्ची नहीं बनाई। वहां से 9 नंबर काउंटर पर गया तब पर्ची बनी। इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगा।

मरीजों की सुविधा के लिए ही यह व्यवस्था लागू की गई है। जैसे ही मरीज और परिजन को इसकी जानकारी हो जाएगी तो परेशानी कम हो जाएगी। इसके बाद भी यदि परेशानी रहती तो इस व्यवस्था पर विचार किया जाएगा।
- डॉ. अचल शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल