
पहले सोता रहा एसएमएस अस्पताल प्रशासन और आज ली मीटिंग, बोले अधिकारी: अब अंग प्रत्यारोपण की एनओसी देने की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
जयपुर। ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में एसएमएस अस्पताल प्रशासन की नींद अब टूट गई है। पहले जब अस्पताल प्रशासन की नाक के नीचे जमकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी होती रही। तब अस्पताल प्रशासन सोता रहा और पिछले आठ महीने में एक भी बैठक इस संबंध में नहीं की। अब मामला बढ़ा तो मीटिंग की गई है। अब जाकर एसएमएस हॉस्पिटल प्रशासन एक्टिव हुआ है। मरीजों के परिजनों को एनओसी देने की प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय किया है। ये सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन करने के साथ ही इसके लिए नई एसओपी बनाने पर विचार किया गया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद इसके लिए जल्द एसओपी बनाने का निर्णय किया है।
प्रिसिंपल डॉ राजीव बगरहट्टा ने बताया कि इस तरह फर्जी तरीके से एनओसी जारी करना वाकई में बड़ी घटना है। इसको रोकने के लिए हम अब इस सिस्टम को ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस अस्पताल में ट्रांसप्लांट होना है, वहां का प्रशासन मरीज और डोनर दोनों की एप्लीकेशन ऑनलाइन ही भेजेगा, ताकि हमें पता रहे कि किस हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट हो रहा है।
एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि हम इस प्रक्रिया को सरल करने के साथ ही नई एसओपी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि मरीजों को ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़े और उन्हें जल्द से जल्द ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी मिल सके। हमारी कोशिश है कि इस पूरी प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाया जाए, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो सके।
Published on:
02 Apr 2024 05:07 pm
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