
एक ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial intelligence) वाले सॉफ्टवेयर से शिक्षकों की चिंता बढ़ रही है जो किसी प्रोफेशनल की तरह बच्चों की होमवर्क में मदद कर सकता है। संकेत दिए जाने पर न केवल लेख, निबंध बल्कि कविता भी लिख सकता है। इंटरनेट ब्राउजर के जरिए कोई भी चैटजीपीटी में जा सकता है। आप सवाल टाइप कीजिए या कमांड दीजिए और चैटजीपीटी जवाब देगा। शोधपत्र लिखने तक में चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पढ़ाई के तौर—तरीके बदल देने वाला :
ChatGPT (Chat Generative Pre-trained Transformer) पर कोई सवाल पूछते हैं तो यह काफी रिसर्च करने के बाद जवाब देता है। यहां तक कि ओपनएआई के इस चैटबॉट (chatbot)ने अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा लॉ स्कूल की 4 परीक्षाएं पास की हैं। चैटजीपीटी को छात्रों जैसा ही टेस्ट दिया गया था जिसमें 95 मल्टीपल-चॉइस और 12 निबंध वाले सवाल थे। चारों परीक्षाओं में चैटजीपीटी का प्रदर्शन औसत सी प्लस ग्रेड के साथ सही नहीं रहा लेकिन उसने सभी में पासिंग ग्रेड हासिल किए। शिक्षकों को चिंता है कि यह नकल को बढ़ावा दे सकता है। विद्यार्थी इस तकनीक के भरोसे रहे तो उनके सीखने के स्तर पर बुरा असर पड़ेगा।
कई जगह हो रहा बैन:
हाल में फ्रांस के फ्रांस के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक साइंस पो (Science Po) ने चैटजीपीटी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। कहा गया है कि एआई संपन्न इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए यूनिवर्सिटी से निकाला भी जा सकता है। वहीं अमेरिका के न्यूयॉर्क और सिएटल के कुछ पब्लिक स्कूलों में चैटजीपीटी पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है, वहीं कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने कम टेक-होम असेसमेंट और अधिक हस्तलिखित निबंध व मौखिक परीक्षा करने की योजना की घोषणा की है।
Published on:
28 Jan 2023 04:32 pm
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