5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बहुत गर्मी सताएगी इस बार, बिजली कंपनियों पर पड़ेगी मार

इस बार गर्मी में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली में बिजली की डिमांड के पिछले कई वर्षों के रेकॉर्ड टूट जाएंगे। चारों राज्यों में पिछले साल के मुकाबले पीक में डिमांड 20% तक बढ़ सकती है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से हाल ही 20वीं इलेक्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक पिछले साल गर्मी के पीक सीजन में देशभर में बिजली की खपत 2,14,068 मिलियन यूनिट थी जो इस साल बढ़कर 2,30,144 मिलियन यूनिट तक जा सकती है।

2 min read
Google source verification
electricity

इस बार गर्मी में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली में बिजली की डिमांड के पिछले कई वर्षों के रेकॉर्ड टूट जाएंगे। चारों राज्यों में पिछले साल के मुकाबले पीक में डिमांड 20% तक बढ़ सकती है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से हाल ही 20वीं इलेक्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक पिछले साल गर्मी के पीक सीजन में देशभर में बिजली की खपत 2,14,068 मिलियन यूनिट थी जो इस साल बढ़कर 2,30,144 मिलियन यूनिट तक जा सकती है।

यह पिछले साल की तुलना में 16 हजार मिलियन यूनिट अधिक होगी। जिन राज्यों में अधिक खपत होने का आंकलन है, उनमें छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और बिहार शामिल हैं। रिपोर्ट के बाद राज्यों की बिजली कंपनियों के लिए डिमांड के अनुसार बिजली जुटाना चुनौती है। कंपनियों ने इसके लिए अन्य राज्यों से बिजली जुटाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। यदि पर्याप्त बिजली की व्यवस्था नहीं हुई तो लोगों को गर्मी के कहर से जूझना होगा।

डिमांड में तेजी, लॉस में कमी बेहद कम

बिजली की डिमांड में हर साल इजाफा हो रहा है तो बिजली का लॉस (एटीएंडसी) में कमी का प्रतिशत बेहद कम है। राजस्थान में 2021-22 में खपत का 20.93 फीसदी लॉस हो रहा था। यह घटकर 19.68 फीसदी तक पहुंचा है। मध्यप्रदेश में दो साल पहले तक लॉस 17.74 फीसदी था, जो 16.98 फीसदी तक घटा है।

पीक सीजन के बाद भी कम नहीं होगी बिजली की डिमांड

रिपोर्ट के मुताबिक इस बार पीक सीजन के बाद भी बिजली की डिमांड कम नहीं होगी। जून से अक्टूबर तक बिजली की डिमांड औसत से अधिक रहेगी। राजस्थान में अप्रेल 2022 से जनवरी 2023 तक 81,114 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। यह 2023-24 में बढ़कर 90,258 एमयू तक पहुंचेगी। मध्यप्रदेश में सालाना खपत 75,659 एमयू ये बढ़कर 80,690 एमयू तक होगी। छत्तीसगढ़ में 32 हजार से 34 हजार एमयू तक खपत होगी।