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राजस्थान पुलिस के वो जवान जिनको हीरो मानता है पूरा पुलिस महकमा, DGP तक सेल्यूट करते हैं इनको

Police Shahid Diwas: हांलाकि उन पर फायर करने वाले तमाम गैंगस्टर्स को बाद में अच्छा सबक भी सिखाया गया है।

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Police Shahid Diwas: आज पुलिस शहीद दिवस है और पूरे देश में खाकी वाले अपने साथियों की याद में उनके लिए मौन हो रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं, उनको याद कर रहे हैं। लेकिन इस बीच आज बात उन जवानों की जो राजस्थान पुलिस का अहम हिस्सा थे और गैंगस्टर्स को काबू करते करते अपनी जान गवां बैठे। उनकी गोलियों का शिकार हो गए। इन साथी जवानों की याद में आज भी उनके साथी और पूरा का पूरा पुलिस महकमा दुखी और हैरान है। हांलाकि उन पर फायर करने वाले तमाम गैंगस्टर्स को बाद में अच्छा सबक भी सिखाया गया है।

भोलेनाथ का भक्त था प्रहलाद, वाहन चोर ने सिर में मारी थी गोली... पुलिस ने सबक सिखाया उसे भी
दौसा जिले में डीएसटी टीम में शामिल कांस्टेबल प्रहलाद को कौन भूल सकता है। सोशल मीडिया पर उनके फोटोज और वीडियो की भरमार है जो आज भी उनके साथियों के लिए उनकी याद है। 22 अगस्त को एक वाहन चोर का पीछा करने के दौरान चोर ने बेहद नजदीक से प्रहलाद के सिर में गोली मार दी थी। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद प्रहलाद ने प्राण त्याग दिए। बाद में सीएम को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होनें प्रहलाद के लिए विशेष पैकेज दिया । आज भी प्रहालद अपने साथियों के जहन में हैं। परिवार और साथियों के बीच उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती।

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कौन भूल सकता है पवन और ओंकार को... तस्करों को काबू करने के लिए जान लड़ा दी... अमर हो गए
उधर भीलवाड़ा जिले के रायला थाना इलाके में तैनात दो साथियों पवन और ओंकार को कौन भूल सकता है। आज भी पुलिस महकमे के लिए दोनो हीरो हैं। तस्करों को काबू करने के लिए दोनो सिपाहीयों ने जान की बाजी लगा दी। घटना दस अप्रेल 2021 की है। गैंगस्टर राजू फौजी और सुनील डूडी की गैंग के बदमाश डोडा पोस्त भरकर माल सप्लाई करने के लिए जोधपुर की ओर जा रहे थे। भीलवाड़ा में रायला थाना इलाके में उनके बारे में सूचना मिली तो पुलिस की टीमें उनको काबू करने के लिए जुट गई। काबू करने के दौरान गैंगस्टर्स ने हथियार निकाल लिए और पहले ओंकार को और अगले नाके पर लगे पवन को गोली मार दी। दोनो की अस्पताल में जान चली गई। बाद में पुलिस ने तमाम गैंगस्टर्स को काबू किया और उनको सजा दिलाई जा रही है।

इसलिए मनाते हैं पुलिस शहीद दिवस.....
दरअसल 21 अक्‍तूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में सशस्‍त्र चीनी टुकड़ी द्वारा घात लगाकर किए हमले में पुलिस के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन शहीदों एवं ड्यूटी के दैरान मारे गए अन्‍य सभी पुलिसकर्मियों की स्‍मृति में 21 अक्टूबर को पुलिस स्‍मृति द‍िवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लगभग पूरे देश में ही पुलिस साथियों के लिए मौन, सभाएं, रक्तदान आयोजन और अन्य आयोजन किए जाते हैं। लेकिन इन जवानों के साथ ही पुलिस अपने उन जवानों को भी याद करती है जो ड्यूटी के दौरान अपनी जान गवां बैठे लेकिन पुलिस का इकबाल बुलंद कर गए।