
दो बाघों की मौत के मामले में फिर जांच शुरू
सवाईमाधोपुर.
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की फलौदी रेंज मेंं आवण्ड चौकी के पास स्थित वन क्षेत्र में अप्रेल माह में दो बाघों की मौत का मामला फिर गरमा गया। बाघों की मौत के मामले में जांच के लिए राज्य के प्रधान वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी नए सिरे से जांच कर १५ दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि 16 अप्रेल 2018 को रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र में टी-79 के दो शावकों की मौत हो गई थी। अब तक की रिपोर्ट में सामने आया कि का कहना है कि मरने से पहले शावकों एक गोवंश का शिकार किया था। उसी में जहरीला पदार्थ मिला होने की आशंका है। वन विभाग ने बाघों का विसरा जांच के लिए बरेली, देहरादून, हैदराबाद व चेन्नई स्थित लैब में भेजा था। सूत्रों के अनुसार राज्य वन विभाग को गत दिनों बरेली से बाघों के विसरा की रिपोर्ट मिली है। इसमें जहरीली दवा के अंश मिलने की बात सामने आई है। हालांकि अभी विभागीय अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
पूर्व में बताया था संघर्ष
पूर्व में स्थानीय वन अधिकारियों द्वारा की जांच व उच्च अधिकारियों को सौंपी गई रिपोर्ट में बाघों की मौत अन्य बाघ से संघर्ष में होना बताया था। रिपोर्ट में बाघों के शरीर पर चोट के निशान होना बताया था।
बाघों के अस्तित्व पर संकट के बादल
पिछले एक साल में रणथंभौर के अलावा सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र में बाघों के लापता होने और मौतों का मामला सुर्खियों में है। सरिस्का से लापता हुई बाघिन एसटी-5 लाख कोशिशों के बाद भी नहीं मिल सकी। इसको लेकर वन विभाग की मॉनिटरिंग और कार्यशैली दोनों ही संदेह के घेरे में है।
जांच के बाद साफ होगा
राज्य वन विभाग के पीसीसएफ की ओर से चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। कमेटी द्वारा पुन: मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- वाई के साहू, सीसीएफ, रणथम्भौर
Published on:
26 Aug 2018 01:46 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
