रणथम्भौर में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंज गई है। बाघिन नूर यानि टी-39 रणथम्भौर के जोन एक में एक शावक के साथ नजर आई है। जहां इससे वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है वहीं दूसरी ओर वन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर बाघिन की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। इसके लिए वन विभाग की ओर से फोटो ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। जानकारी के अनुसार बाघिन जोन एक में जोन 6 की ओर जाने वाले मार्ग पर वन विभाग की चैन के पास वन कर्मियों को एक शावक के साथ नजर आई है। हालांकि वन विभाग की माने तो बाघिन के साथ एक से अधिक शावक होने की संभावना जताई जा रही है।
पांचवी बार दिया जन्म
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन नूर ने पांचवी बार शावकों को जन्म दिया है। सबसे पहले नूर ने मेल टाइगर सुल्तान को जन्म दिया था जिसका विचरण फिलहाल करौली व धौलपुर की ओर बताया जाता है। इसके बाद नूर ने कालू धोलू नाम के दे शावकों को जन्म दिया था हालांकि बाद में ये दोनों बाघ लापता हो गए थे। इसके बाद नूर ने दो शावकों को जन्म दिया था लेकिन जन्म के कुछ दिन बाद ही ये शावक नजर नहीं आए थे। इसके बाद बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इन्हें वन विभाग की ओर से टी-105, टी-106 व टी-107 नाम दिया गया था। इनमें से एक बाघिन को पूर्व में कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भेज दिया गया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। वहीं वर्तमान में टी-105 व टी-107 का मूवमेंट रणथम्भौर में ही है।
करीब चार साल बाद दिया जन्म
बाघिन नूर ने अब एक बार फिर से शावकों को जन्म दिया है। यह पांचवा मौका है जब नूर मां बनी हुई है। बाघिन नूर की उम्रकरीब 13 साल है। वन्यजीव प्रेमियोंं की माने तो रणथम्भौर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब उम्र के आखिरी पड़ाव और करीब चार साल के अंतराल के बाद कोई बाघिन फिर से मां बनी है।