जयपुर शहर की आठ सीटों किशनपोल, आदर्शनगर, हवामहल, सिविल लाइंस, विद्याधरनगर, मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है और इनमें परकोटे की तीन सीटों पर मतदान का प्रतिशत कांग्रेस और भाजपा के राजनीतिक भविष्य को तय करेगा। इन तीनों सीटों पर हिन्दू और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है वहीं बाहरी सीटों पर अपेक्षाकृत मुस्लिम वोट ज्यादा नहीं हैं। जयपुर ग्रामीण की सीटों में शाहपुरा में कांग्रेस के मनीष यादव, भाजपा के उपेन यादव और कांग्रेस के बागी और वर्तमान विधायक आलोक बेनीवाल के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है। इस सीट पर जोरदार मुकाबला हुआ है।
फीडबैक रिपोर्ट का आकलन
कांग्रेस और भाजपा ने इन सीटों पर चुनाव लडे़ प्रत्याशियों के साथ-साथ संगठन के पदाधिकारियों से भी फीडबैक रिपोर्ट ली और फिर आकलन किया है। इससे पहले प्रत्याशियों ने मतदान के लिए वार्डों में अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी थी। इनमें भी जिन वार्डों में प्रत्याशियों को कमजोर स्थिति लग रही थी वहां ज्यादा फोकस किया गया था। मतदान के बाद प्रत्याशियों ने अपनी सीटों पर किस बूथ में कितने मत पड़े, उसकी भी जानकारी ली और चुनाव नतीजों को लेकर संभावनाओं को देखा है।
पिछली बार तीन निर्दलीय जीते
जयपुर जिले में कोटपूतली, विराटनगर,शाहपुरा ,चौमूं, फुलेरा, दूदू , झोटवाडा, आमेर, जमवारामगढ, हवामहल, विद्याधर नगर, सिविल लाइंस, किशनपोल, आदर्श नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू, बस्सी और चाकसू सीटें आती हैं। पिछले चुनाव में जिले की 19 सीटों में कांग्रेस को दस, भाजपा को छह और निर्दलीयों को तीन सीटों पर जीत मिली थी। इनमें सबसे बड़ी जीत बस्सी में निर्दलीय लक्ष्मण मीणा और सबसे छोटी जीत फुलेरा में भाजपा के निर्मल कुमावत की थी। इसके अलावा दूदू (एससी) सीट से बाबूलाल नागर, शाहपुरा सीट से आलोक बेनीवाल निर्दलीय जीते थे।