
फाइल फोटो पत्रिका
Trump Tariff Impacts Jaipur : अमरीका के भारत पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने से सांगानेर रंगाई-छपाई व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। अमरीका में सांगानेरी प्रिंट के कपड़ों के ऑर्डर रद्द होने लगे हैं, जिसका असर रंगाई-छपाई इकाइयों के उत्पादन पर भी पड़ा है। ऑर्डर कम होने से काम 50 फीसदी तक घट गया है। हालांकि व्यापारियों ने स्थानीय मार्केट पर फोकस कर दिया है।
व्यापारियों के अनुसार, सांगानेरी प्रिंट के कपड़ों की विदेशों में काफी खपत है। यहां का रंगाई-छपाई उद्योग विदेशी बाजार पर निर्भर होता जा रहा है। अमरीका के अलावा जर्मनी, फ्रांस, जापान और यूके में भी इन कपड़ों की अच्छी मांग है, लेकिन अमरीकी टैरिफ बढ़ने से बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है, क्योंकि सबसे अधिक कपड़े की खपत अमरीका में होती है।
व्यापारियों ने स्थानीय मार्केट पर ध्यान केंद्रित कर दिया है और घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ाने की तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि घरेलू बाजार में खपत बढ़ने से बिक्री तो बनी रहेगी, लेकिन प्रतिस्पर्धा बढ़ने से कपड़ों के दाम कम होने की आशंका है।
अमरीका में भारत के अलावा चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान व वियतनाम से कपड़ों का कारोबार होता है। बांग्लादेश व पाकिस्तान पर टैरिफ कम होने से वहां के व्यापारियों को इसका फायदा मिलेगा और उनकी कपड़ों की खपत बढ़ जाएगी। जानकारों के अनुसार भारत के कारोबारी बांग्लादेश के माध्यम से अमरीका में कपड़े भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
विदेशों में सांगानेरी प्रिंट के कपड़ों का सालाना एक हजार करोड़ का कारोबार होता है, जिसमें सबसे अधिक कारोबार अमरीका में होता है। वहां ऑर्डर रद्द होने लगे हैं, जिससे 50 फीसदी काम कम हो गया है। सरकार को मदद करनी चाहिए।
राजेंद्र जिंदगर, सचिव, सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन
टेक्सटाइल्स का अमरीका में सालाना करीब 600 करोड़ का कारोबार हो रहा था, जो प्रभावित हो गया है। कुछ ऑर्डर रद्द हो गए हैं, तो कुछ को होल्ड पर रखा गया है।
रक्षित पोद्दार, अध्यक्ष, गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान
Published on:
16 Aug 2025 07:25 am
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