
जयपुर। स्वाधीनता दिवस का मौका हो या फिर गणतंत्र दिवस, राजधानी जयपुर में एक स्थान ऐसा भी है जहां राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने रहकर ध्वजारोहण करते हैं। यह जगह है बड़ी चौपड़। यह परंपरा करीब 70 साल से भी ज्यादा वक्त से चली आ रही है।
गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का हृदय स्थल कहा जाने वाला बड़ी चौपड़, अनूठी सियासी परंपरा का साक्षी बनता है। बताया जाता है कि जयपुर की बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण की परंपरा आजादी के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे गोकुलभाई भट्ट के समय से शुरू हुई थी।
पहले पक्ष, फिर विपक्ष का ध्वजारोहण
बड़ी चौपड़ पर पहले झंडारोहण सत्तापक्ष की ओर से होता है और ठीक उसके बाद विपक्षी दल के नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इस आयोजन की खास बात यह है कि बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन दोनों दलों की जिला इकाइयां करती हैं।
बड़ी चौपड़ पर होने वाले इस आयोजन के लिए यहां तिरंगा फहराने का 'कोड ऑफ कंडक्ट भी निर्धारित किया हुआ है। पहले सत्ता पक्ष और फिर विपक्षी पार्टी को यह अवसर मिलता है।
विपरीत दिशा में बनते हैं मंच
सत्ता पक्ष के लिए बनाया गया मंच रामगंज चौपड़ की तरफ देखता हुआ होता है और विपक्षी पार्टी के मंच का मुंह सांगानेरी गेट की तरफ बनाया जाता है। सत्ता पक्ष की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री और विपक्षी दल के कार्यक्रम में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ध्वजारोहण करते हैं।
Published on:
14 Aug 2021 09:06 pm
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