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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद या इससे पहले दर्द निवारक या साइड इफेक्ट से बचने के लिए काम में लिए जाने वाली दवा पेरासिटामोल का बेवजह इस्तेमाल टीके से होने वाली इम्यूनिटी बूस्ट को प्रभावित कर सकती है। प्रदेश के प्रमुख कोविड व अन्य विशेषज्ञों के अनुसार इस टीके के बाद नजर आने वाले लक्षण सामान्य होते हैं और वे कुछ ही दिनों में चले जाते हैं।
ऐसे में विशेषज्ञ की सलाह पर ही ऐसी दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अभी तक के ट्रेंड के अनुसार 15 से 20 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस दवा की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसका अधिक इस्तेमाल करने पर लीवर खराब होने की आशंका भी रहती है। इधर, इन दिनों किशोर-किशोरियों को लगाई जा रही को-वैक्सीन के लिए भी विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीनेशन के बाद भी पेरासिटामोल के अनिवार्य इस्तेमाल की सिफारिश नहीं की जाती।
यह कहा प्रदेश के विशेषज्ञों ने
राजस्थान के प्रमुख कोविड विशेषज्ञ और मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. वीरेन्द्र सिंह के अनुसार टीके के बाद अनावश्यक रूप से दी जाने वाली दवा उस व्यक्ति या किशोर में बनने वाली एंटीबॉडी को भी कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि टीकों से साइड इफेक्ट बहुत बार नहीं होते और ज्यादातर हल्के होते हैं, ये एक से दो दिन में चले भी जाते हैं। उन्होंने कहा कि टीके के बादर 15 से 20 प्रतिशत से अधिक को ऐसी दवाओं की आवश्यकता नहीं होती, इन्हें भी विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही दवा दी जानी चाहिए।
लिवर खराब होने का भी खतरा
जेकेलोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक गुप्ता के अनुसार जब तक किसी विशेष तापमान से अधिक बुखार नहीं होता, तब तक पेरासिटामोल नियमित रूप से नहीं दी जाती और दी भी नहीं जानी चाहिए। हर बच्चे को दर्द वाला प्रभाव नहीं हो तो उसे यह क्यों दिया जाए। जरूरत से ज्यादा पेरासिटामोल दिया जाए तो लिवर खराब होने की आशंका रहती है।
Updated on:
09 Jan 2022 02:29 pm
Published on:
09 Jan 2022 02:27 pm
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