बकौल वरुण, ‘सुई धागा’ एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देती है। इसके साथ ही यह संदेश भी देती है कि किसी को भी अंडरएस्टिमेट नहीं करना चाहिए। जब रजनीकांत कंडक्टर से कॅरियर शुरू करके देश के सबसे बड़े एक्टर बन सकते हैं और चाय की दुकान पर काम करने वाला हमारे देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो कोई भी आम शख्स अपने सपनों को पूरा कर सकता है। यह देश को कनेक्ट करती फिल्म है और मेरे कैरेक्टर मौजी से दर्शक खुद को रिलेट भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मैंने इंग्लैंड में एंटरप्रेन्योरशिप विषय पर ही पढ़ाई की है, इसलिए इसकी इम्पॉर्टेंस को अच्छे से जानता हूं। हमने फिल्म में पुश्तैनी काम को नई पीढ़ी से जोडऩे का मैसेज भी दिया है।
फिल्म में मौजी की पत्नी ममता का किरदार निभा रही अनुष्का ने कहा, ‘फिल्म में हम सुई धागे की तरह हैं और हम इसमें सपने बुनते नजर आएंगे। इसे हमने आम लोगों की विल पावर को सेलिब्रेट करते हुए ‘डिग्निटी ऑफ लेबर’ के मैसेज से जोड़ा है। फिल्म में मेरा कैरेक्टर ममता का है, जो ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, लेकिन स्वाभिमान के लिए खड़ी होती है और पति को एक नई दिशा देती है।