
Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दो ट्वीट्स से राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है। झालावाड़ में जल संकट को लेकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाने और खर्च हुए हर रुपये का हिसाब मांगने वाले उनके ट्वीट पर कांग्रेस ने हमला बोला, लेकिन भाजपा अब खुलकर राजे के समर्थन में उतर आई है।
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने गुरुवार को भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में राजे के पक्ष में बयान दिया और विपक्ष को करारा जवाब दिया।
मदन राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। अगर उन्होंने अफसरों से सवाल किए हैं, तो क्या गलत है? ये हमारी पार्टी का पारिवारिक मामला है, विपक्ष को पंचायती नहीं करनी चाहिए। जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उसे फटकार तो लगेगी ही। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी अफसर को बचाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं की बलि नहीं चढ़ाएगी और न ही आपसी मतभेद की स्थिति बनने देगी।
मदन राठौड़ ने स्पष्ट किया कि राजे ने जिस इलाके की बात की, वहां वास्तव में पानी की भारी किल्लत है। ऐसे में यदि किसी जिम्मेदार नेता ने प्रशासन से जवाब मांगा है, तो यह जनता की आवाज उठाने जैसा है। अगर कांग्रेस के नेता भी जनता के हक में इसी तरह बोलें, तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन वे सिर्फ राजनीति करना जानते हैं।
इस दौरान मदन राठौड़ के साथ मंच पर मौजूद भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, पूर्व सांसद सुभाष बहेड़िया, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा और पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से राजे के रुख का समर्थन किया। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा आलाकमान अब राजे को लेकर पार्टी में एकजुटता का संदेश देना चाहता है।
जयपुर में हाल ही में हुए बुलडोजर एक्शन पर भी राठौड़ ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक नहीं बल्कि ‘समझ का अंतर’ था। हाई कोर्ट के आदेश के तहत सड़क चौड़ीकरण होना था। मुख्यमंत्री ने भी तालमेल से काम करने की बात कही थी। प्रशासन ने प्रयास किया, लेकिन 50 मीटर की शुरुआत को लेकर भ्रम हुआ, जिस पर तत्काल कार्रवाई कर स्थिति को संभाल लिया गया।
दरअसल, वसुन्धरा राजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देर रात दो पोस्ट करते हुए झालावाड़ जिले में जल जीवन मिशन में कामकाज को लेकर अफसरों पर सवाल उठाए। वसुंधरा राजे ने एक्स पर लिखा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफसरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफ़सर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।
Updated on:
10 Apr 2025 03:26 pm
Published on:
10 Apr 2025 03:23 pm
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