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Rajasthan Politics : वसुंधरा तो बहाना, गहलोत हैं पायलट का असली निशाना

Rajasthan Politics : राजस्थान में बीते पांच साल से गुटबाजी से जूझती कांग्रेस में फिर तूफान आया है। टोंक विधायक सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव से करीब आठ माह पहले अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

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vasundhara raje

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Rajasthan Politics : राजस्थान में बीते पांच साल से गुटबाजी से जूझती कांग्रेस में फिर तूफान आया है। टोंक विधायक सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव से करीब आठ माह पहले अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। फर्क बस इतना है कि इस बार पायलट ने सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर नहीं रखा। बल्कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एवं उसकी मुखिया वसुंधरा राजे के कथित भ्रष्टाचार की आड़ में गहलोत पर राजनीतिक तंज और हमला किया। पायलट ने गहलोत और वसुंधरा के बीच मिलीभगत के परोक्ष रूप से आरोप भी जड़ दिए।

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में आरोप जड़ा कि गहलोत जनता से वादा करने के बावजूद पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कथित घोटालों की जांच नहीं करा रहे हैं। जबकि गत वर्ष मार्च और नवम्बर में मैंने गहलोत को पुन: पत्र लिखकर घोटालों की जांच कराने की मांग की। इसके बावजूद गहलोत ने न तो कोई जवाब दिया न ही कोई कार्रवाई की। अब मैं इन घोटालों की जांच की मांग लेकर मंगलवार को शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करुंगा।

पायलट ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती का दिन चुना है। पायलट ने मीडिया से बातचीत में पदीय लालसा को भी सामने नहीं आने दिया। खास बात यह रही कि पहली बार पायलट ने बिना नाम लिए सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन घोटालों और इनकी जांच के लिए गहलोत को पत्र लिखने की पार्टी हाईकमान और शीर्ष नेताओं को भी जानकरी दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

पायलट की शिकायत है कि कांग्रेस ने 5 साल तक वसुंधरा के शासन में उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनके भ्रष्टाचार को जनता के सामने रखा। उस वक्त मैंने और खुद गहलोत ने खान, बजरी और कालीन घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामले उठाए। चुनावों में जनता से वादा किया कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो हम इन घोटालों की जांच कराएंगे।

आज साढ़े 4 साल बीत गए, घोटालों की कोई जांच शुरू नहीं हुई। अब विधानसभा चुनाव में महज 6 महीने बचे हैं। अब हम किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे। जब गहलोत लगातार वादे के बाद भी भाजपा शासन में हुए घोटालों की जांच नहीं कराते हैं तभी तो कांग्रेस के विरोधियों को यह कहने का मौका मिलता है कि कहीं गहलोत और वसुंधरा की मिलीभगत तो नहीं है।

क्योंकि वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में भी उनकी सरकार पर 22 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगे। इसके बाद वर्ष 2008 में कांंग्रेस सरकार ने सत्ता में लौटकर इसकी जांच के लिए माथुर आयोग गठित किया। आयोग का गठन जांच आयोग अधिनियम के तहत नहीं होने से कोर्ट ने इसे भंग कर दिया। तब भी यह सवाल उठा था कि आयोग गठन में नियमों की जानबूझ कर अनदेखी की गई।

पायलट ने अपना पक्ष साबित करने के मकसद से वर्ष 2014 से 2018 तक गहलोत के दिए कुछ भाषणों के वीडियो भी मीडिया को दिखाए। इन वीडियो में गहलोत भी वसुंधरा सरकार में हुए 45 हजार करोड़ के खान घोटाले, बजरी और कालीन घोटाले जैसे मामलों की जांच कराने की मांग करते सुनाई दिए।

पायलट ने कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को बैलेंस करने और उसी की मदद से गहलोत पर निशाना साधने के लिए केन्द्र में शासित भाजपानीत मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार तो कांग्रेस सहित अन्य विपक्ष के नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और इनकम टैक्स की कार्रवाई करवाकर एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं हम जांच एजेंसियों का सदुपयोग भी नहीं कर पा रहे।

दु:ख इस बात का है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार होते हुए भी वसुंधरा सरकार के घोटालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं ये नहीं कहता कि प्रतिशोध की भावना से कोई काम हो, लेकिन जो मुद्दे हमने उठाए वे तो पूरा करें। इन घोटालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर जनता में संदेश यही जाएगा कि उस वक्त जो आरोप लगाए वह सब झूठे थे। संजीवनी सोसायटी घोटाले की जांच को लेकर पूछे सवाल पर पायलट ने कहा कि ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन दूसरों पर भी इसी तीव्रता से कठोर कदम उठाना जरूरी है।

कांग्रेस के कारनामों पर चुप्पी
पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय अपनी ही कांग्रेस सरकार के साढ़े 4 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए। दुर्भाग्य है कि उन्होंने अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर एक शब्द तक नहीं बोला।
-राजेन्द्र राठौड़, नेता प्रतिपक्ष

पायलट की बात सुननी चाहिए

पायलट जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उस पर सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। यदि जरूरत पड़ी तो पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सड़कों पर उतर सकते हैं। राहुल गांधी भी अडानी समूह व मोदी सरकार के बीच सांठगांठ और भ्रष्टाचार के मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।

-प्रतापसिंह खाचरियावास, कैबिनेट मंत्री

उपलब्धियों पर मांगेंगे जनादेश
गहलोत सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाओं को लागू किया है। कई ऐसी पहल हैं, जो लोगों को गहराई से प्रभावित कर रही हैं। संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से ही राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा जबरदस्त रूप से सफल हुई थी। कांग्रेस इन ऐतिहासिक उपलब्धियों और संगठन के सामूहिक प्रयासों के दम पर चुनाव में लोगों के बीच जाकर फिर से सेवा करने के लिए जनादेश मांगेगी।
-जयराम रमेश, राष्ट्रीय महासचिव