
गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे और भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह व पुत्र अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि उनकी पत्नी व बेटे मारपीट करते हैं, उन्हें भरपेट खाना भी नहीं मिलता, जिससे तंग आकर घर छोड़ दिया। जिसके जबाव में उनकी पत्नी और बेटे ने प्रेस वर्ता कर आरोपों को झूठा बताया है।
उन्होंने कहा कि एसडीएम कोर्ट का फैसला आने वाला है। एसडीएम पर दबाव बनाने के लिए इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है। कुंवर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह विश्वेंद्र सिंह ने 2 महीना पहले ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। 6 मार्च को एसडीएम कोर्ट में दाखिल हुआ था। हमारी ओर से सभी तथ्य प्रस्तुत कर दिए हैं कि इस मामले को लेकर के एसडीएम पर पूरा विश्वास है कि वह निष्पक्ष निर्णय करेंगे।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह पूरा मामला महाराजा सूरजमल की प्रॉपर्टी को लेकर है। महाराजा विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए कि उन्होंने पूरी प्रॉपर्टी बेच दी है। उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए। एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है। मोती महल महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है।
उन्होंने कहा कि महाराजा विश्वेंद्र सिंह को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है। उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर देख सकते हैं। वह लोगों से मुलाकात करते हैं और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उस समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है। अगर मारपीट होती तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता। वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए। हम लोगों की पर्सनल लाइफ है। हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते।
महाराजा विश्वेंद्र सिंह की पत्नी ने कहा कि मुझे पता है मैंने 30 साल में क्या क्या देखा है। जब एक मां के के साथ अत्याचार और अन्याय होता है, तो उसका बेटा साथ देता है तो अच्छी बात है। मेरा काम पुस्तैनी जायदाद की रक्षा करना है और मैं मरते दम तक मोती महल को बेचने नहीं दूंगी। हालांकि हमारे द्वारा सभी सबूत कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं और इस पर फैसला जल्द आने वाला है।
Published on:
19 May 2024 03:30 pm
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