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Man On Mission: रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए कर रहे 21 हजार किमी की पैदल यात्रा

किरण वर्मा ने 2021 में विश्व रक्तदाता दिवस पर अपनी यात्रा शुरू की। तब से, वह 27,000 से अधिक लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित कर चुके हैं।

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जयपुर

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Ravesh Gupta

Jun 12, 2023

Man On Mission: रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए कर रहे 21 हजार किमी की पैदल यात्रा

Man On Mission: रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए कर रहे 21 हजार किमी की पैदल यात्रा

दिल्ली में जन्में किरण वर्मा रक्तदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 21000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकले हैं। "रक्तदान हमारी समस्या है और केवल हम ही समाधान हैं" इस सूत्र के साथ यात्रा पर निकले किरण ने 2016 में हुई एक घटना के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी थी।


शुरुआत से शुरू किया जाए तो कहानी का जन्म छत्तीसगढ़ से होता है। जब किरण को पता चला कि उनके द्वारा एक गरीब परिवार के मरीज को दिया गया खून कुछ हजार रुपए में बेच दिया गया है और मरीज की पत्नी को पति के इलाज का खर्चा निकालने के लिए वेश्यावृत्ति तक का सहारा लेना पड़ा है। ये दुर्दशा देख किरण ने अपनी नौकरी छोड़ दी और मुफ्त रक्तदान के लिए काम करने का फैसला कर लिया।

किरण ने सिंपली ब्लड नाम का एक एंड्रॉयड ऐप और वेबसाइट लॉन्च की। इसके जरिए वो सुनिश्चित करते हैं कि खून से कमी से किसी की मृत्यु न हो। जनवरी 2018 वर्मा ब्लड डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए मिशन पर निकल पड़े जिसमें उन्होंने 16000 किमी की दूरी तय कर ली और इसमें 6000 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। लेकिन कोविड की वजह से ये यात्रा पूरी न हो सकी। कोविड काल के दौरान उनके पास खून के लिए कई कॉल आए लेकिन वो कुछ खास मदद नहीं कर पाए। खून की कमी से होने वाली मौतों ने उनके ऊपर गहरा प्रभाव डाला।

इस सबसे प्रेरित होकर किरण ने 2021 में विश्व रक्तदाता डे पर अपनी 21,000 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की। उनकी यात्रा अब तक 12 राज्यों, 169 जिलों और दो देशों से गुजर चुकी है। किरण की पत्नी उनका इस मिशन में काफी साथ देती हैं। उनकी पत्नी ने मिशन की शुरूआत में उनसे कहा था जब तक मिशन पूरा न हो वापस मत आना। नए मिशन में वो अब तक 12000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं। इस दौरान उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ठहरने के लिए जगह, खाना और इन सबके अलावा नए वातावरण में ढलना हर रोज एक नई चुनौती होता है।

वर्मा कहते हैं एक बार उन्होंने मुक्ति गांव में एक स्कूल में 2000 से अधिक छात्रों को संबोधित किया था उसके बाद एक आदमी उनके पास आया और मराठी में कुछ कहते हुए उन्हें 100 रुपए का नोट थमा दिया। 100 रुपए बहुत बड़ी राशि तो नहीं थी लेकिन काफी मूल्यवान थी क्योंकि एक गरीब व्यक्ति ने उन्हें ये सौंपी थी।

वर्मा का दावा है कि वो अब तक 27,000 से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर चुके हैं। इनमें से लगभग 22,000 व्यक्तियों ने रक्तदान शिविरों में रक्तदान किया, जबकि अन्य ने स्वतंत्र रूप से रक्तदान किया। किरण ने अपनी यात्रा में कई ऐसे गांवों के भी दौरे किए जहां कहीं किसी ने रक्तदान नहीं किया। उन्होंने लोगों को रक्तदान के बारे में बताया।

ऐसी ही एक और घटना को याद करते हुए वर्मा ने कहा, “नागपुर में मैंने एक बदनाम इलाके में लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया. हैरानी की बात यह है कि नागपुर के हिस्लोप कॉलेज में आयोजित शिविर में उसी क्षेत्र के चार लोग रक्तदान करने आए थे.”

वर्मा ने यह भी बताया कि कैसे एक खुदरा कंपनी उनके कारण का समर्थन करने के लिए सहमत हुई। उन्होंने कहा, "मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे हर चालान पर मेरा संदेश 'रक्तदान करें, जीवन बचाएं' प्रदर्शित करें और वे इसका पालन करने में प्रसन्न थे।"

वर्मा 12 मई, 2023 को अपनी पदयात्रा के 500 दिन पूरे करेंगे। उनका कहना है कि सबसे पहले रक्तदान करें। यदि आप नहीं कर सकते तो अन्य लोगों को प्रोत्साहित करें।