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Jal Jeevan Mission राजस्थान के 5 से 10 फीसदी गांवों में नहीं पहुंचेगा घर—घर पानी

Jal Jeevan Mission (जेजेएम) के तहत Rajasthan के 5 से 10 प्रतिशत गांवों में हर घर नल से पानी नहीं मिल सकेगा। हालांकि water supply department 5 से 10 प्रतिशत गांवों में हर घर से नल से पानी पहुंचाने के बजाय अन्य विकल्पों पर काम कर रहा है। वहीं जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की विषम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार सहयोग करें। केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र की हिस्सा राशि बढ़नी चाहिए।

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Jal Jeevan Mission राजस्थान के 5 से 10 फीसदी गांवों में नहीं पहुंचेगा घर—घर पानी

Jal Jeevan Mission राजस्थान के 5 से 10 फीसदी गांवों में नहीं पहुंचेगा घर—घर पानी

Jal Jeevan Mission (जेजेएम) के तहत Rajasthan के 5 से 10 प्रतिशत गांवों में हर घर नल से पानी नहीं मिल सकेगा। हालांकि water supply department 5 से 10 प्रतिशत गांवों में हर घर से नल से पानी पहुंचाने के बजाय अन्य विकल्पों पर काम कर रहा है। वहीं जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की विषम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार सहयोग करें। केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र की हिस्सा राशि बढ़नी चाहिए। पहले 90 फीसदी हिस्सा राशि मिलती थी, लेकिन उसे घटा दिया गया है, अब केंद्र सरकार 90:10 फीसदी के हिसाब से हिस्सेदारी करें।

जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति अलग है। राज्य चाहता है केंद्र शेयर पैटर्न बदले। हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री राजस्थान के ही है, जबकि कई राज्यों की हिस्सेदारी बढाई है। केंद्र से हमारी मांग गलत नहीं है। हमें उम्मीद है केंद्र से न्याय मिलेगा। जल जीवन मिशन आगे बढ़ा है। जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत लगातार मॉनिटरिंग कर है।

वहीं एसीएस सुधांश पंत ने कहा, जलदाय विभाग की कई पेयजल योजनाएं इस नए साल में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, जेजेएम में कुछ क्षेत्र ऐसे है, जहां पानी की उपलब्धता नहीं है, वहां नल से पानी पहुंचाना संभव नहीं है। प्रदेश में 5 से 10 प्रतिशत गांवों में हर घर नल से पानी पहुंचाने के बजाय अन्य विकल्पों पर काम कर रहे है।

एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि जेजेएम को लेकर 8-10 माह में कई प्रयास किए है। एक साल पहले तीन लाख की स्वीकृति थी, जो आज 80 लाख हो गई है। यह पहली बार है, जिसमें एक साल में साढ़े आठ हजार स्कीम्स स्वीकृत हो गई है। पौने पांच हजार स्कीम्स के वर्कऑर्डर हो चुके है। सात हजार स्कीम्स के टेंडर लग चुके है। आगे दो साल में इसे और गति देंगे। तीसरी वर्षगांठ पर 2400 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। 54 हजार करोड़ के काम स्वीकृत किए है। सभी कामों को 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।