पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग आला अफसरों को
जयपुरPublished: May 27, 2020 03:24:27 am
जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने राज्य में तेज गर्मी के दौर को देखते हुए जिलों में कार्यरत अधिकारियों को मुख्यालय पर रहते हुए अपने क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के लिए सघन मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की नियमित आपूर्ति के साथ ही मरुस्थलीय एवं कम वर्षा वाले क्षेत्रों में लोगों की जरूरत के मुताबिक टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था तत्परता से सुनिश्चित करे, इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए।
पेयजल आपूर्ति की लगातार मॉनिटरिंग होगी
यादव मंगलवार को जयपुर में झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यालय में जलदाय विभाग की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकरियों को स्थितियों पर लगातार नजर रखते हुए सभी नियंत्रण कक्षों के माध्यम से लोगों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने और विभाग के सूचना तंत्र को चाक-चौबंद बनाए रखने के भी निर्देश दिए।
आला अधिकारी नहीं छोड़ेंगे मुख्यालय
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि मौसम विभाग के अगले कुछ दिनों में तेज गर्मी के अलर्ट के मद्देनजर जिलो में कार्यरत सभी अधिकारी पूरी सतर्कता बरतें, किसी भी अधिकारी को इस दौरान मुख्यालय छोडऩे की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभी जिलों में जिला कलेक्टर्स को कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत 50-50 लाख की राशि के तहत चल रहे कार्यों को समय पर पूरा करने और आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त मांग के प्रस्ताव भी भिजवाने के निर्देश दिए।
क्वारेंटाइन सेंटरों पर पानी का रहेगा इंतजाम
यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में बाहर के राज्यों से प्रवासी मजदूर और अन्य प्रवासी लोग बड़ी संख्या में आए हुए हैं, जिनको अलग-अलग जिलों में स्कूल और धर्मशालाओं में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखा गया है। ऐसे सभी सेंटर्स पर भी पेयजल आपूर्ति को बदस्तूर जारी रखने के लिए सभी जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।
गांव-ढाणियों में टैंकरों से सप्लाई पर जोर
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 38 शहरों में 396 टैंकर्स के माध्यम से 2468 ट्रिप प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 844 गांवों एवं 796 ढाणियों में 519 टैंकर्स के माध्यम से 1905 ट्रिप प्रतिदिन के आधार पर जल परिवहन की व्यवस्था की जा रही है।
12 हजार हैंडपंपों की हुई मरम्मत
एक अप्रेल से जारी 44वें हैंडपंप मरम्मत अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों में 3424 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 28 हजार 180 हैंडपंपों की मरम्मत की गई है। इसके साथ ही 676 हैंडपंप, 989 ट्यूबवेल्स एवं 76 सिंगल फेज ट्यूबवेल्स खोद गए है, जबकि 359 हैंडपंप, 352 ट्यूबवेल्स एवं 15 सिंगल फेज ट्यूबवेल्स की कमीशनिंग की जा चुकी है।
नियंत्रण कक्ष कर रहा है शिकायतों का निपटारा
यह भी जानकारी दी गई कि गत 24 मार्च से लॉकडाउन एवं गर्मियों में लोगों की पेयजल से सम्बंधित समस्याओं की सुनवाई के लिए स्थापित राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष पर अब तक दर्ज 714 में से 683 तथा जिलों में कार्यरत नियंत्रण कक्षों में प्राप्त 8618 प्रकरणों में से 8453 का निस्तारण किया जा चुका है।