मेडिसिन विभाग की ओपीडी 2000 पार पहुंची
एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सी.एल. नवल ने बताया कि मेडिसिन विभाग की ओपीडी 2000 पार पहुंच गई है। इनमें 30 फीसदी मरीज केवल मौसमी बीमारियों से ग्रस्त होकर पहुंचे हैं। उनमें उल्टी, दस्त, पेट दर्द, वायरल फीवर, फूड पॉइजनिंग, डि-हाइड्रेशन, घबराहट, कमजोरी समेत कई शिकायतें मिल रही हैं। कई मरीजों में खुजली समेत त्वचा संबंधी दिक्कतें भी हो रही हैं। वार्ड में रोजाना 50 से 70 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इस मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत है।बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की भी शिकायत
जेके लोन अस्पताल की ओपीडी भी 1200 से बढ़कर 1500 पार पहुंच गई है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा ने बताया कि ज्यादातर बच्चे उल्टी-दस्त, पेट दर्द और फूड पॉइजनिंग, निमोनिया का शिकार होकर पहुंच रहे हैं। गर्मी के दिनों में तापमान में तेजी के कारण भोजन पर बैक्टीरिया वायरस तेजी से पनपने लगते हैं। कई बच्चे मस्तिष्क ज्वर की भी चपेट में आ रहे हैं।दवाओं के लिए भी लंबी कतारें
एसएमएस, जेके लोन, कांवटिया व जयपुरिया अस्पताल की ओपीडी में लंबी कतारें देखी जा रही हैं। मरीज परेशानी से जूझकर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। इसके बाद उन्हें दवा काउंटर व ब्लड सैंपल कलेक्शन काउंटरों पर भी ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ रही है।बीमारियों से बचाव के तरीके
– सिर पर रूमाल या टोपी पहने, जिससे न केवल सिर, बल्कि कान और चेहरे का धूप से बचाव हो सके।– छोटे बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अधिक समय छांव में ही रहें। तेज धूप से बचें।
– गर्मी में विभिन्न संक्रामक रोग और फूड पॉइजनिंग होने की आशंका रहती है। दूषित पानी और सड़े गले फलों का सेवन न करें। अच्छी डाइट लें। पानी ज्यादा पीएं।