वहीं पश्चिमी मध्य, दक्षिण पश्चिम अरब सागर के क्षेत्रों में 45 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। साथ ही विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरकाशी में भारी बारिश से हालात खराब हो सकते हैं। मछुआरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी गई है। वहीं जयपुर सहित कई जिलों को पानी पिलाने वाला प्रदेश का बीसलपुर बांध 2016 के बाद पांचवीं बार छलकने को बेताब है। पानी की आवक हालांकि कम होने लगी है लेकिन कुछ ही घंटों के फासलों के बीच बीसलपुर बांध ( Bisalpur Dam ) के गेट खाले जा सकते हैं। बांध का जलस्तर 315.40 आरएल मीटर हो गया है। वहीं त्रिवेणी 2.50 मीटर पर बह रही है। अब भी डेम अपने पूर्ण भराव से 14 सेंटीमीटर दूर है।
चंबल में पानी घटा, खतरा बरकरार
वहीं धौलपुर में चम्बल नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। निचले इलाकों में बसे गांवों पर खतरा बरकरार है। गत 24 घण्टे में चम्बल का स्तर 3.50 मीटर घटकर 137 मीटर पर पहुंच गया है। अभी खतरे के निशान 129.70 से करीब सात मीटर ऊपर बह रही है। राजाखेड़ा, सरमथुरा तथा बाड़ी उपखण्ड क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों का तीन दिन से सम्पर्क कटा हुआ है। प्रशासन ने भोजन के पैकेट तथा अन्य जरूरी सहायता पहुंचानी शुरू कर दी है। रविवार सुबह जिला प्रभारी तथा देवस्थान व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने जिला कलक्टर नेहागिरी को बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
हिमाचल में भूस्खलन, उत्तरकाशी में बादल फटने से 20 मकान बहे, 18 लोग लापता
राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में भारी बारिश जारी है। बारिश से हुए विभिन्न हादसों में हिमाचल प्रदेश और पंजाब में 25 लोगों की मौत हो गई है। शिमला में आरटीओ के पास हुए भूस्खलन में दो बच्चियों की जान चली गई। सडक़ें और पुल क्षतिग्रस्त होने से मार्ग बाधित हो गए हैं। रविवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से 20 घर बह गए। 18 लापता लोगों की तलाश जारी है। अलकनंदा समेत राज्य की कई नदियां उफान पर हैं। देश के दक्षिणी क्षेत्रों में भी बाढ़ और बारिश सेे हालात खराब हैं। 3 से 10 अगस्त के बीच कर्नाटक में सामान्य से 279 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। राज्य में अब तक 62 लोगों की मौत और 14 लापता है। 118 साल में पहली बार कर्नाटक में इतनी बारिश हुई है।