ज्ञापन में विहिप ने गुहार लगाई है कि बंगाल की हिंसा को तत्काल रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और कानून का शासन दोबारा स्थापित हो। दंगाइयों की त्वरित पहचान हो और जल्दी जांच पूरी करके फास्ट ट्रैक न्यायालयों में केस चलाकर इन्हें दंडित किया जाए। दंगा पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए और उनको हुए नुकसान की शासन भरपाई करे। विहिप ने कहा है कि भारत का संविधान राज्य सरकारों पर यह जिम्मेदारी सौंपता है कि वह अपने राज्य में कानून और व्यवस्था बनाएं रखें और अपने राज्य के सब लोगों को कानून का योग्य संरक्षण दें। बंगाल सरकार इसमें विफल हो रही है। यह सब भारतीय संस्कृति और संविधान के सह-अस्तित्व के मूल्यों और कानून के शासन का उल्लंघन है। अगर इसी समय बंगाल के प्रशासन को नियंत्रित नहीं किया गया तो आगामी 5 साल में क्या होगा ? आपको बता दें कि बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद हुई हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं। भाजपा का आरोप है कि हिंसा में भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तो मृत कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलकर भी आ चुके हैं।