
अजमेर में हुई तेज बारिश। फोटो : वाहिद पठान
जयपुर। राजस्थान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर मौसम में भी देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को जयपुर सहित अलग-अलग जिलों में सूर्यदेव की तपिश कम रहने और बूंदाबांदी होने से आमजन को भीषण गर्मी से राहत मिली।
जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक बीकानेर संभाग, शेखावाटी क्षेत्र, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ भागों में बादल छाए रहे। मेघगर्जन के साथ कहीं-कहीं हल्की मध्यम बारिश दर्ज की गई। जयपुर का शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे में 4.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। रविवार तक आंधी बारिश की गतिविधियों में कमी होने ने तथा पूर्वी राजस्थान में छुटपुट स्थानों पर आंधी बारिश दर्ज होने की संभावना है।
2 जून से पुनः एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने व 2-4 जून के दौरान दोपहर बाद तेज मेघगर्जन, आंधी (50-60Kmph) बारिश की गतिविधियां दर्ज होने की प्रबल संभावना है। आगामी 4-5 दिन अधिकतम तापमान 45 डिग्री से नीचे दर्ज होने की संभावना है। इधर शनिवार को जयपुर में सामान्यत:बादल छाने के साथ ही मेघगर्जन, वज्रपात के साथ हल्की बारिश और तेज हवा चलने के आसार रहेंगे।
बीते 24 घंटे में जालोर में 31.5, बाड़मेर में 21.4, जोधपुर में 6.4, फलौदी में 3.4, बीकानेर में 1, , फतेहपुर में 5.5, वनस्थली में 1, सीकर में 1 एमएम बारिश दर्ज की गई।
अजमेर में शुक्रवार शाम मौसम का मिजाज बदला। तेज हवा संग बरसात ने भिगोया। कई इलाकों में सड़कों , नाले-नालियों में पानी बह गया। बरसात से लोगों को कुछ राहत मिली। बरसात से लोगों को गर्मी से राहत मिली। हालांकि उमस भी हो गई।
हाड़ौती अंचल में शुक्रवार को मौसम ने अचानक करवट ली। कोटा सहित क्षेत्र के अधिकांश जिलों में तेज धूप के बाद बादल छाए, हल्की से मूसलाधार तक बारिश हुई और आंधी से नुकसान भी देखने को मिला। कोटा जिले के इटावा क्षेत्र में दोपहर बाद से तेज हवा चली। शाम 4 बजे बाद 10 मिनट तक हल्की वर्षा हुई। सुल्तानपुर में दोपहर में 45 मिनट की मूसलाधार बारिश हुई।
बगतरी गांव में अंधड से एक दर्जन घरों के टिन-टप्पर उड़ गए। एक घर की सीमेंट की चादर एक बछड़े पर गिर गई, जिससे बछड़े की मौत हो गई। दरा रेलवे स्टेशन पर तेज बारिश और आंधी के कारण बिजली के चार खंभे गिर गए। एक पेड़ गिरकर एक ऑटो पर जा गिरा, गनीमत रही कि ऑटो खाली था अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। बूंदी जिले में भी मौसम का रुख बिगड़ा रहा। देई में सुबह 8 बजे बारिश हुई। इससे सड़कों पर पानी भर गया। कापरेन के बलकासा गांव में प्राचीन कालिका मंदिर के टीन शेड हवा में उड़ गए।
Published on:
30 May 2025 08:56 pm
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