
उपखण्ड क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मोर्चरी नहीं होने के कारण हादसों-दुर्घटनाओं शिकार हुए लोगों के शव का पोस्टमार्टम खुले आसमान के नीचे कर नियमों की अनदेखी की जा रही है।
यहां तक कि चिकित्सक भी इस कृत्य को करने से परहेज नहीं करते। बारिश के मौसम में तो स्थितियां और भी विकट हो जाती है। कांटे व झाडिय़ों में होने वाले पोस्टमार्टम पर हर पल जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है। शोक में डूबे परिजनों को ही देखरेख करनी पड़ती है।
रात को परेशानी अधिक
सूर्यास्त के बाद होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों के परिजनों को शव रखने में काफी परेशानी होती है। रात को उनको वाहनों के अन्दर या फिर चिकित्सालय के वार्ड में ही शवों को रखा जाता है। ऐसे में चिकित्सालय में भर्ती अन्य मरीजों को भी परेशानी होती है।
बैठकों में उठा मुद्दा
चिकित्सालय में मोर्चरी के निर्माण को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों ने आवाज उठाई, बैठकों में प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
भेज रखी है रिपार्ट
मोर्चरी के लिए अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इसके प्रस्ताव कई बार भेजे जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।
प्रभाकर अवताड़े, ब्लॅाक चिकित्सा अधिकारी, माण्डल
ले रखा प्रस्ताव
पंचायत समिति में मोर्चरी बनवाने के लिए प्रस्ताव ले रखा है। पूर्व में कई बार चिकित्सकों को अवगत कराया गया, लेकिन चिकित्सालय से कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
रामस्वरूप प्रजापति, विकास अधिकारी, माण्डल
शीघ्र होगा समाधान
मामले की जानकारी कर शीघ्र ही मोर्चरी का निर्माण करा कर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
कालूलाल गुर्जर, क्षेत्रीय विधायक एवं मुख्य सचेतक
