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India Pakistan Border: ये सरहदें जहां होश संभालने से पहले दिल के टुकडे को छोड़ने पर मजबूर है “मां”

India Pakistan Border: कोई महिला मां बनी, तो उसकी संतान का पासपोर्ट बनाने के बाद भी वीजा नहीं मिल रहा है। मजबूरी में ये परिवार अपने नवजात को रिश्तेदार के पास छोड़ कर भारत आ गए।

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India Pakistan Border

India Pakistan Border

India Pakistan Border: जोधपुर. पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं को वीजा मिलने में परेशानी हो रही है। विदेश मंत्रालय भारत आने वाले परिवारों के किसी न किसी सदस्य का वीजा रोक रहा है। वीजा आवेदन के बाद कोई महिला मां बनी, तो उसकी संतान का पासपोर्ट बनाने के बाद भी वीजा नहीं मिल रहा है। मजबूरी में ये परिवार अपने नवजात को रिश्तेदार के पास छोड़ कर भारत आ गए। बीते छह माह में ऐसे कई भील परिवार जोधपुर आए हैं, जिनमें बच्चे या उनकी मां पाकिस्तान में ही रह गए। वीडियो कॉल कर अपनों को देखते हैं।

केस 1
छह माह में आए 700: दिसंबर से अब तक करीब 700 भील व मेघवाल परिवार धार्मिक वीजा पर यहां आ चुके हैं। वीजा खत्म होने से पहले ये परिवार यहां बसने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। कोई वापस नहीं जाना चाहता। जोधपुर आए नारूमल ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्चे को वीजा नहीं मिला। उसे एजेंट ने ग्रुप लीडर बना दिया तो आना पड़ा। पत्नी, बच्चों के वीजा के लिए कोशिश कर रहे हैं।

केस 2
दुबारा मोटा खर्चा, इसलिए आना जरूरी: विस्थापित भील समाज के अध्यक्ष भागचंद बोले, एजेंट को दस से बीस हजार रुपए देने पड़ते हैं। वीजा मिलने के बाद नहीं आएं तो फिर से खर्चा करना पड़ता है। पहले सीधे हरिद्वार जाते हैं। आवक दर्ज करवा कर जोधपुर आते हैं।

पाकिस्तान के सांगड जिले का विजयराव परिवार के साथ 5 जनवरी को भारत आया। नवंबर में पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। वीजा नहीं मिला। परिवार के अन्य सदस्यों को वीजा मिल गया तो बेटे को चाचा के पास छोड़ कर आना पड़ा। दिसंबर में जोधपुर आए रिजूराम ने अपने 28 रिश्तेदारों के लिए वीजा आवेदन किया था। रिजूराम की पत्नी गुड्डी का वीजा रुक गया। मजबूरी में गुड्डी को मायके में नवजात बेटी के साथ छोड़ कर आना पड़ा।