
Mandi News: भारतीय खाद्य निगम द्वारा जारी टेंडर नीचे भावों पर दिए जाने तथा मार्च में नया गेहूं आने की संभावना के चलते इसकी कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं नैट के भाव 150 रुपए नीचे आकर गुरुवार को 3000 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। आने वाले बुधवार को एफसीआई द्वारा गेहूं के टेंडरों की मात्रा तीन गुना करने की खबरों से भी गेहूं में मंदी को और बल मिल सकता है। वीकेआई रोड नंबर 3 के निकट स्थित मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि नया गेहूं आने में लगभग एक माह का समय बाकी है।
मित्तल ने कहा कि अनुकूल मानसून के कारण भारत 2025 में खाद्यान्न उत्पादन नई ऊंचाईयों को छूने के लिए तैयार है। हालांकि दालों और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण चुनौतियां बनी हुई हैं। क्योंकि देश के कृषि क्षेत्र में मजबूत सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
गौरतलब है कि कृषि मंत्रालय के प्रारंभिक अनुमान आशावादी तश्वीर पेश करते हैं। जिसमें जून 2025 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ खाद्यान्न उत्पादन रिकार्ड 164.7 मिलियन टन होने का अनुमान है। शीतकालीन फसल रोपाई में अच्छी प्रगति के समाचार मिले हैं। इस बीच एफसीआई राजस्थान में गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ा सकती है। इस बार पूरे राजस्थान का टारगेट फिलहाल 14 लाख टन है। जिसे बढ़ाकर 20 लाख टन करने की उम्मीद है। इसके लिए पूरे राजस्थान में अभी तक 20 हजार से ज्यादा किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
खरीद के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी से शुरू हो गया है। कोटा में एफसीआई के मंडल प्रबंधक प्रणय मुदगल का कहना है कि 10 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू होगी। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के हिसाब से इस बार सरकारी खरीद केन्द्र पर गेहूं बेचने में किसानों का रुझान बढ़ गया लगता है। इस साल यह रजिस्ट्रेशन बढ़कर 20 हजार से ज्यादा हो गए हैं। कोटा मंडल एरिया में पिछले साल अब तक 4 हजार रजिस्ट्रेशन ही हुए थे।
Updated on:
31 Jan 2025 12:12 pm
Published on:
31 Jan 2025 12:01 pm
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