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राजस्थान में पहली बार 4 साल के लिए नई आबकारी नीति जारी, सरकार ने होटल-बार संचालकों को दी बड़ी राहत

Rajasthan New Excise Policy: राजस्थान में पहली बार एक साथ चार साल के लिए नीति जारी की गई है। अब एयरपोर्ट पर भी बार खुल सकेगा। साथ ही होटल—बार संचालकों को भी बड़ी राहत मिली है।

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cm bhajanlal sharma

Rajasthan New Excise Policy: जयपुर। राजस्थान सरकार ने नई आबकारी नीति जारी कर दी है। पहली बार एक साथ चार साल के लिए नीति जारी की गई है, जिसमें हर वर्ष गारंटी राशि 10 प्रतिशत बढ़ाने का प्रावधान है। दुकानों की संख्या 7665 यथावत रखी है, लेकिन सरकार इस क्षेत्र में अधिक लोगों को रोजगार देने के बजाय छोटे-छोटे ठेकेदारों की पुरानी व्यवस्था को फिर लाएगी।

होटल, बार संचालकों को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम कमरों की संख्या 20 से घटाकर 10 कर दी गई है। अब एयरपोर्ट पर भी बार खोला जा सकेगा। नीति में मौजूदा दुकान संचालकों को एक बार फिर नवीनीकरण का अवसर दिया है। वहीं, शेष रही दुकानों की समूहवार नीलामी ई-बिड के माध्यम से की जाएगी। राजस्थान आबकारी एवं मद्य संयम नीति एक अप्रेल 2025 से 1 अप्रेल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू रहेगी।

हर साल दिसम्बर-जनवरी में नीति के प्रावधानों की समीक्षा

हर साल दिसम्बर-जनवरी में नीति के प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी, जिसमें प्रावधानों को बनाए रखने, हटाने या बदलने पर निर्णय होगा। नीति में प्रावधान किया है कि जिले में 70 प्रतिशत दुकानें तथा समूह में शामिल सभी दुकानों के नवीनीकरण के लिए सहमत होने पर वर्तमान अनुज्ञाधारियों को वर्ष 2025-26 के लिए भी संचालन का अवसर दिया जाएगा।

नवीनीकरण से शेष रही दुकानों का समूहवार ऑनलाइन नीलामी, ई-बिड द्वारा आवंटन किया जाएगा। मॉडल शॉप का आवंटन वार्षिक गारंटी राशि के आधार पर ऑनलाइन नीलामी के आधार पर किया जाएगा, वहीं हेरिटेज मदिरा, वाईन के लिए फैक्ट्री आउटलेट की अनुमति होगी।

देशी मदिरा के लिए नियंत्रित मूल्य वृद्धि

नई आबकारी नीति में मदिरा की मात्रा को नियंत्रित रखने का प्रावधान है, लेकिन टैक्स की राशि में वृद्धि की जा सकेगी। देशी मदिरा व राजस्थान निर्मित शराब के लिए कीमत में 4 प्रतिशत व पव्वों की कीमत 5 रूपए तक बढ़ाई जा सकेगी।

आबकारी ड्यूटी के लिए 9 की जगह अब दो स्लैब

नीति में प्रावधान है कि देशी शराब के लिए वर्तमान 9 स्लैब आधारित आबकारी ड्यूटी की व्यवस्था के स्थान पर आबकारी ड्यूटी की केवल दो श्रेणी होंगी। बीयर के लिए आबकारी ड्यूटी की दो श्रेणी होगी, जिसमें माइल्ड बीयर व स्ट्रांग बीयर का प्रावधान होगा।


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उत्पादन इकाई एवं बार के लिए प्रक्रिया सरल

रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उत्पादन इकाइ एवं बार से संबंधित प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है, वहीं सभी प्रकार की अनुमति, लाईसेंस व परमिट आदि की ऑनलाईन ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था होगी। इथेनॉल उत्पादन इकाईयों (डिस्टिलरीज) को प्रोत्साहित करने के लिए लाईसेंस फीस कम करके 5 से 8 लाख रूपए सालाना की जाएगी।

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