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FR लगाने के बाद ACB ने दोबारा जांच की तो सामने आई 35 करोड़ की गड़बड़़ी

अपोलो वेटरनरी कॉलेज का मामलाः एसीबी ने तफ्तीश में मदद के लिए ईडी को लिखा पत्र।

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FR लगाने के बाद ACB vs दोबारा जांच की तो सामने आई 35 करोड़ की गड़बड़़ी

FR लगाने के बाद ACB vs दोबारा जांच की तो सामने आई 35 करोड़ की गड़बड़़ी

ओमप्रकाश शर्मा
जयपुर . एसीबी ने जिस मामले में एफआर लगा दी थी, उसमें दोबारा जांच की तो 35 करोड़ रुपए के गबन का मामला पाया। आगरा रोड पर अपोलो वेटरनरी कॉलेज में हुई इस धांधली का खुलासा एसीबी ने कोर्ट में पेश रिपोर्ट में किया है। एसीबी ने माना है कि नियमों को दरकिनार कर कॉलेज में ट्रस्टी बने दूल्हेराम मीना, उसके 2 बेटों व अन्य के नाम करीब 35 करोड़ रुपए कॉलेज के खाते से ट्रांसफर किए गए। हाईकोर्ट ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसीबी को ईडी व आयकर विभाग की मदद लेने के लिए कहा है। एसीबी ने ईडी को पत्र लिख दिया है। एसीबी ने यह एफआईआर एनआरआई डॉ. राज खरे के परिवाद पर वर्ष 2020 में दर्ज की थी।
तत्कालीन अधिकारियों ने इस मामले में वर्ष 2022 में एफआर पेश कर दी थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर अग्रिम अनुसंधान के आदेश दिए थे। एसीबी ने तफ्तीश आगे बढ़ाई तो आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में इसको चुनौती दी। सुनवाई के दौरान पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट में एसीबी ने बताया कि अमरीका स्थित अपोलो एनिमल मेडिकल ग्रुप की पहल पर 2002 में अपोलो एनिमल मेडिकल ग्रुप ट्रस्ट स्थापित किया। राज्य सरकार ने कॉलेज के लिए आगरा रोड पर 28 बीघा 17 बिस्वा जमीन टोकन मनी पर आवंटित की थी। दूल्हेराम व अन्य ने वर्ष 2012 में मूल ट्रस्टियों को हटा दिया। एसीबी ने इस प्रक्रिया को गलत माना है।
इन पर आरोप: कार्यवाहक ट्रस्टी दूल्हेराम मीना व उसके बेटे ट्रस्टी हर्षवर्धन मीना और लाखन मीना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी माना है।


हाईकोर्ट का आदेश, एसीबी ले ईडी और आयकर विभाग की मदद
आरोपी व एसीबी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी करने और सही तस्वीर का पता लगाने के लिए महानिदेशक (जांच) आयकर विभाग के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सहयोग लेने के लिए एसीबी स्वतंत्र है। ट्रस्ट के पक्ष में भूमि के प्रारंभिक आवंटन की प्रकृति ज्ञात नहीं है। अदालत ने आदेश दिया कि कलेक्टर के माध्यम से राज्य को पक्षकार बनाया जाए।

इनके खातों में जमा हुए करोड़ों रुपए
एसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान कार्यवाहक मुख्य ट्रस्टी दूल्हेराम मीना ने बेटे और अन्य के साथ मिलकर ट्रस्ट के बैंक खातों से करोड़ों रुपए निकाले हैं। ट्रस्ट के पंजाब नेशनल बैंक में दो खाते हैं। इनमें से रकम दूल्हेराम मीना, उसके बेटे हर्षवर्धन व लाखन मीना तथा झा एवं गौड़ एसोसिएट, दिनेश यादव, सत्येन्द्र गुप्ता, यामिनी गुप्ता, सुरेश जवेरिया, मोहम्मद खान, इरफान खान, राजेश कुमार दुबे, त्रिलोक जैन, प्रतिभा गुप्ता, रमेश मीना, मिठूराम मीना, राजेश अग्रवाल, लक्ष्मण मीना के खातों में ट्रांसफर की गई है।

बोले डीजी एसीबी
कोर्ट के आदेशानुसार आयकर विभाग व ईडी को जल्द तथ्य अवगत कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही विशेष अनुसंधान पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। -राजीव शर्मा, डीजी एसीबी