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प्रदेश का नया गृहमंत्री कौन ? क्या सीएम अपने पास ही रखेंगे होम

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी मंत्रियों को विभागों का इंतजार है। गृह, वित्त और कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभाग किस मंत्री को मिलेंगे या इन्हें मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अपने पास ही रखेंगे। इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है। उधर, कई मंत्री अच्छे विभाग के लिए जयपुर से लेकर दिल्ली लॉबिंग कर रहे हैं।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Jan 05, 2024

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राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी मंत्रियों को विभागों का इंतजार है। गृह, वित्त और कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभाग किस मंत्री को मिलेंगे या इन्हें मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अपने पास ही रखेंगे। इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है। उधर, कई मंत्री अच्छे विभाग के लिए जयपुर से लेकर दिल्ली लॉबिंग कर रहे हैं। अगर राजस्थान में छत्तीसगढ़ फार्मूला लागू होता है तो डिप्टी सीएम के पास गृह मंत्रालय जा सकता है, वहीं अगर मध्य प्रदेश वाला फार्मूला लागू किया जाता है तो मुख्यमंत्री के पास ही गृह मंत्रालय रह सकता है। हालांकि सीएम भजन लाल शर्मा ने पदभार संभालने के बाद सबसे ज्यादा निर्णय पुलिस को लेकर ही किए हैं। पेपर लीक के लिए एसआईटी, संगठित अपराधों पर रोक के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और सीबीआई को बिना राज्य सरकार की अनुमति के अनुसंधान करने जैसे निर्णय सीएम ने लिए हैं। ऐसे में कयास यही है कि सीएम गृह अपने पास ही रख सकते हैं। हालांकि वसुंधरा सरकार के समय गृह विभाग का जिम्मा गुलाबचंद कटारिया के पास था।

गहलोत ने अपने पास रखा था गृह विभाग

पूर्ववर्ती सरकार के समय गृह विभाग का जिम्मा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही था। उन्होंने राजेंद्र यादव को गृह राजयमंत्री बनाया था, लेकिन सीधे तौर पर इस विभाग का काम उनके पास ही था। इसे लेकर भाजपा ने बढ़ते अपराधों पर पूर्व सीएम को घेरा था। भाजपा नेताओं यह तक कहा था कि अगर अशोक गहलोत से यह विभाग नहीं संभल रहा तो किसी और को मंत्री बना दें ?

कई सरकारों से सीएम के पास ही वित्त विभाग

वित्त भी ऐसा महकमा है, जिसे पिछली कई सरकारों से सीएम अपने पास ही रखते आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वित्त विभाग अपने पास ही रखा। कार्मिक भी सीएम अपने पास ही रखते हैं। ताकि नौकरशाही पर उनकी पकड़ बनी रहे।

यूडीएच, शिक्षा जैसे विभागों पर भी नजर

कई मंत्रियों की यूडीएच पर भी नजर है। इस मलाईदार महकमे को पाने का कई मंत्री दावा भी कर रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज जैसे विभागों पर भी कई मंत्रियों की नजर है। हालांकि जयपुर में तीन दिन की डीजी-आईजी कांफ्रेंस के बाद ही उम्मीद है कि मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होगा।

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