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आखिर क्यों घूम रहे हैं सरिस्का में शार्प शूटर ?

राजस्थान पुलिस के विशेष प्रशिक्षित डॉग सरिस्का अभयारण्य में बघेरे की टोह ले रहे हैं। लेकिन इनके पीछे—पीछे पुलिस के शार्प शूटर्स चल रहे हैं। करीबन 15 घंटे के सर्च अभियान के बाद भी बघेरे का पता नहीं लग पाया है।

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Rajesh

Feb 13, 2017

SARISKA

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गौरतलब है कि सरिस्का अभयारण्य से सटे सीलीबावड़ी और जैतपुर इलाके में रविवार को नरभक्षी बघेरे ने आतंक मचा दिया। बघेरे ने 11 घंटे में तीन लोगों पर हमला कर दिया।

इनमें से एक महिला और एक पुरूष की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल है। सरिस्का नेशनल पार्क के आसपास के इलाके में आतंक मचाने वाले बघेरे की तलाश में पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों के साथ ही स्निफर्स डॉग भी जुटे हैं।

राजस्थान पुलिस के विशेष प्रशिक्षित डॉग सरिस्का अभयारण्य में बघेरे की टोह ले रहे हैं। लेकिन इनके पीछे—पीछे पुलिस के शार्प शूटर्स चल रहे हैं। करीबन 15 घंटे के सर्च अभियान के बाद भी बघेरे का पता नहीं लग पाया है।

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बघेरे की मौजूदगी पर जमकर हंगामा किया। इसे देखते हुए जयपुर वन विभाग ​मुख्यालय ने बघेरे को गोली मारने के आदेश दे दिए हैं।

एक साल में मारे 150 पैंथर पीएफए से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में करीब डेढ़ सौ बघेरों को जंगल से बाहर निकलने के कारण जान गंवानी पड़ी है। जब पैंथर बस्ती में गए तो लोगों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। भेाजन पानी की तलाश में जंगल छोड़कर मानव बस्तियों में जाना वन्यजीवों को भारी पड़ रहा है।

बीते एक साल में करीबन डेढ़ सौ पैंथर लोगों के हाथों मारे जा चुके हैं। वन विभाग वन्यजीवों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में नाकाम रहा है।

विरोध में उतरा पीपुल्स फॉर एनिमल

बघेरे को गोली मारने के आदेश जारी करने का पीपुल्स फॉर एनिमल्स ने विरोध जताया है।

पीएफए के प्रदेश संयोजक बाबूलाल जाजू का कहना है कि बघेरे ने हमला कर लोगों की जान ली है। लेकिन इसमें वन विभाग की गलती है। जब वन्यजीवों को जंगल में भोजन पानी नहीं मिलेगा तो वे बस्तियों का रूख करते हैं। वन विभाग की लापरवाही के कारण लोगों और वन्यजीवों को जान गंवानी पड़ रही है।

पीएफए ने बघेरे को मारने की बजाय उसे जिंदा पकड़ने की मांग उठाई है। साथ ही जिन लोगों को बघेरे के हमले में जान गंवानी पड़ी है उन परिवारों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। वर्जन सरिस्का के आसपास लोगों पर हमला करने वाला बघेरा नरभक्षी हो चुका है। इसलिए उसे मारने के आदेश दिए गए हैं। फिलहाल उसकी लोकेशन पता नहीं चली है।

जीवी रेडडी, एपीसीसीएफ, वन विभाग, जयपुर



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