
क्यों हारी करणपुर में भाजपा ...... जानिए कारण
श्रीगंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड रहे भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी को जिताने के लिए भाजपा ने उन्हें मंत्री बना दिया। आचार संहिता लागू थी, लेकिन नियम कायदों का हवाला देकर टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलवा दी गई। इसके बावजूद भाजपा उन्हेें जिताने में नाकामयाब रही। अब हर तरफ एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या कारण रहे कि टीटी को मंत्री बनाने के बावजूद वे चुनाव हार गए। इस बारे में स्थानीय नेताओं ने कई कारण बताए। हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्या कारण रहे कि कांग्रेस चुनाव जीत गई और भाजपा चुनाव हार गई।
क्यों जीती कांग्रेस
सरदार गुरमीत सिंह कुन्नर की छवि को कायम रखने के लिए वोट मांगने के दौरान उनकी फोटो लगे पोस्टर लगाए गए। ऐसे में जनता की सहानुभूति मिली।
टीटी को मतदान से पहले मंत्री बनाने का कार्ड भाजपा ने खेला, कांग्रेस ने इसे चुनावी हथियार बनाया। आप प्रत्याशी पृथीपाल संधू के वोट भी कुन्नर के पक्ष में गए।
कुन्नर के साथ रहने वाले रामस्वरूप मांझू, शंकर पन्नू जैसे मंझे हुए नेताओं ने ग्रामीण क्षेत्र में दिवगंत कुन्नर की ओर से किए गए कार्यों का बखान कर वोट जुटाए।
पदमपुर में सचिन पायलट की जनसभा ने युवाओं को आकर्षित किया। कांग्रेसियों में एकाएक उत्साह नजर आया। मतदान होने तक यह जोश बना रहा।
क्यों हारी भाजपा
सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मतदान से पहले राज्य मंत्री बनाना और विभाग आवंटित करने से जनता में संदेश गया कि अब टीटी को वोटों की जरूरत नहीं।
मंत्री बनने के बाद टीटी के समर्थकों ने चुनावी मुकाबले को गंभीरता से नहीं लिया, जनता से मिलने के बजाय सेल्फी खिंचवाने तक ही सीमित रहे।
भाजपा आलाकमान ने पूरी फौज करणपुर विधानसभा क्षेत्र में खड़ी कर दी। ऐसे में वोटर प्रभावित होने की बजाय कांग्रेस के प्रति लामबंद हो गए, जिसको भाजपा समझ नहीं पाई।
विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के सर्वे ने टीटी को कमजोर प्रत्याशी बताया था लेकिन पार्टी हाइकमान ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
Published on:
09 Jan 2024 12:11 pm
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