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नसबंदी के दौरान महिला की मौत

गांव मंदरपुरा के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रविवार को नसबंदी ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई। 

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Bhola Nath Shukla

May 18, 2015

गांव मंदरपुरा के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रविवार को नसबंदी ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई। ऑपरेशन शुरू करते ही उसे दौरे आने लगे। इसलिए महिला की नसबंदी नहीं की गई और उसे नोहर सीएचसी रेफर कर दिया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के परिजनों ने मामले की जांच की मांग को लेकर पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। सूचना मिलने पर एसडीएम प्रभुदान चारण, थाना प्रभारी भंवरलाल आदि मौके पर पहुंचे। अधिकारियों की समझाइश के बाद पोस्टमार्टम के लिए तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन किया गया। जानकारी के अनुसार मंदरपुरा पीएचसी में लगे शिविर में एक पुरुष और 17 महिलाओं की नसबंदी की जानी थी।
पुरुष नसबंदी के बाद सांगठिया निवासी सोना देवी (24) पत्नी लालचंद नायक का ऑपरेशन शुरू किया गया। जैसे ही ऑपरेशन के लिए औजार डाले उसे दौरे आने लगे। उसकी तबीयत बिगड़ती देख ऑपरेशन रोक दिया गया। परिजनों को सूचना देकर उसे नोहर रेफर कर दिया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के परिजन तथा गांव के लोग बड़ी संख्या में नोहर चिकित्सालय पहुंच गए। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. प्रदीप कड़वासरा ने पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया। इसमें डॉ. रीना चौहान, डॉ. राकेश शर्मा और डॉ. सुरेन्द्र भांभू शामिल किए गए हैं। लेकिन मामले की जांच की मांग को लेकर परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। वे ऑपरेशन करने वाले डॉ. मनोज अरोड़ा को मौके पर बुलाने की मांग भी कर रहे थे। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और सीएचसी प्रभारी विनोद मूंड ने समझाइश की। वे अबूबशहर (हरियाणा) से मृतका के पीहर पक्ष के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया। सोना देवी का विवाह करीब चार साल पहले हुआ था। उसके एक पुत्र व एक पुत्री है। एसआई अर्जुन सिंह ने बताया कि मृतका के पति लालचंद की सूचना पर मर्ग दर्ज की गई है।

संख्या भी एक समस्या
नसबंदी का लक्ष्य हासिल करने के दबाव के चलते चिकित्सा विभाग का प्रयास रहता है कि एक शिविर में अधिकाधिक ऑपरेशन किए जा सके। दो सप्ताह पहले रावतसर सीएचसी में लगे शिविर में 79 ऑपरेशन किए गए। जाहिर है बड़ी संख्या में ऑपरेशन होंगे तो चिकित्सकों पर भी जल्दी कार्य निपटाने का दबाव रहेगा। ऐसे में गलती की आशंका तो रहती ही है।

घटना के बाद भी हुए 16 ऑपरेशन
शिविर में एक पुरुष का ऑपरेशन तो सोना देवी से पहले ही किया जा चुका था। सोना देवी की तबीयत बिगडऩे पर उसे नोहर रेफर कर दिया गया। इसके बाद शिविर में 16 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए।

पीएचसी पर शिविर क्यों
कुछ सरकारी चिकित्सकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नसबंदी शिविर पीएचसी स्तर पर लगाना ही गलत है। क्योंकि वहां ऑपरेशन थिएटर ही नहीं होते। जिले में किसी भी पीएचसी पर यह व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा आपात स्थिति में विशेष जीवनरक्षक दवाइयों और अन्य उपकरणों का भी अभाव रहता है। अगर सीएचसी तथा जिला अस्पताल स्तर पर शिविर लगाए जाएं तो वहां हर तरह की सुविधा होती है। निश्चेतन विशेषज्ञ के साथ-साथ आपातकालीन स्थिति में अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी सहयोग मिल जाता है। यदि ग्रामीण इलाके में लगे शिविर में किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे सीएचसी रेफर किया जाता है। इसमें बीस-तीस मिनट लग जाते हैं। एेसे में रोगी की जान जा सकती है।

नहीं था निश्चेतन विशेषज्ञ
ज्यादातर नसबंदी शिविरों में निश्चेतन विशेषज्ञ नहीं रहते। जिले के किसी भी सीएचसी पर निश्चेतन विशेषज्ञ कार्यरत नहीं है। जिला अस्पताल में चार निश्चेतन विशेषज्ञ हैं। मगर वहां कार्य के दबाव आदि के कारण उनकी ड्यूटी शिविरों में नहीं लगाई जाती। ऐसे में उनका कार्य शिविर प्रभारी या कोई दूसरा चिकित्सक ही देखता है।

आपरेशन नहीं किया जा सका
मृतका के ऑपरेशन के लिए जैसे ही औजार पेट में डाला, उसे दौरे आने लगे। इसलिए चिकित्सकों ने ऑपरेशन नहीं किया तथा उसका उपचार शुरू कर दिया। इससे दौरे बंद हो गए और तत्काल नोहर रेफर कर दिया। नोहर टीम तैयार थी। मगर वहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद नियमानुसार मृतका के परिजनों को दो लाख रुपए की सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डॉ. योगेन्द्र तनेजा, एसीएमएचओ (परिवार कल्याण)।

ऑपरेशन नहीं किया
सोनी देवी को ऑपरेशन टेबल पर लिटाते ही दौरे आने लगे। तबीयत बिगड़ती देख उसका ऑपरेशन नहीं किया तथा नोहर रेफर कर दिया।
डॉ. मनोज अरोड़ा, सर्जन।

कार्रवाई की जाए
नसबंदी शिविरों में अधिकाधिक ऑपरेशन का प्रयास किया जाता है। जल्दबाजी में नुकसान की आशंका रहती है। शिविर में निश्चेतन विशेषज्ञ भी नहीं था। एेसे में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मंगेज चौधरी, जिला परिषद सदस्य।