21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

10वीं की छात्रा के पेट से निकला दुनिया का सबसे लंबा ट्राइकोबेज़ोआर, डॉक्टर भी हैरान

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची थी उत्तरप्रदेश की छात्रा, मिटटी, लकड़ी के टुकड़े, धागे और चॉक खाने की लत की शिकार थी किशोरी, 210 सेंटीमीटर में बालों के गुच्छे का ले चुका था आकार

2 min read
Google source verification
Trichobezoar

जयपुर। सवाईमानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने बरारा गांव, आगरा, उत्तर प्रदेश की एक 14 वर्षीय छात्रा के पेट से 210 सेंटीमीटर लंबा ट्राइकोबेज़ोआर (पेट में फंसा बालों का गोला) निकाला है। यह अब तक का दुनिया का सबसे लंबा ट्राइकोबेज़ोआर माना जा रहा है। इससे पहले रिकॉर्ड 180 सेंटीमीटर का था। किशोरी 10वीं कक्षा की छात्रा है और एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती है। वह पिछले कई वर्षों से मिट्टी, लकड़ी के टुकड़े, धागे और चॉक खाने की आदत से पीड़ित थी। उसने यह आदत 6वीं कक्षा में अन्य बच्चों को देखकर शुरू की थी।

पेट दर्द और उल्टी की शिकायत पर लाए

ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया कि यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जुड़ा मामला है, जिसे पिका कहते हैं। जिसमें व्यक्ति खाने योग्य न होने वाली चीज़ें खाने लगता है। एक महीने से पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद जब उसे अस्पताल लाया गया, तो डॉक्टरों ने पेट की जांच में एक सख्त गांठ पाई जो पेट से लेकर नाभि और दाएं ऊपरी पेट क्षेत्र तक फैली हुई थी।

दो घंटे चला ऑपरेशन

सीईसीटी (कंट्रास्ट एन्हांस्ड सीटी स्कैन) में यह पता चला कि पेट फूला हुआ है और उसके अंदर कुछ असामान्य वस्तु मौजूद है। इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत लैपरोटॉमी सर्जरी का निर्णय लिया। यह ऑपरेशन करीब 2 घंटे चला और खास बात यह रही कि इसमें रक्त चढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी।

हैरान रह गए डॉक्टर

गैस्ट्रोटॉमी के दौरान डॉक्टर हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि ट्राइकोबेज़ोआर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं था, बल्कि छोटी आंत तक फैला हुआ था। सर्जरी के दौरान इसे एक ही टुकड़े में बाहर निकालना एक बड़ी चुनौती थी। यह टूट जाता, तो इसे निकालने के लिए आंतों में कई चीरे लगाने पड़ सकते थे।

ये रहे टीम में शामिल

सर्जरी में डॉ.कांकरिया की टीम में डॉ. राजेन्द्र बुगालिया, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. अमित, और डॉ. सुनील चौहान अपनी एनेस्थीसिया टीम के साथ। ऑपरेशन में सहायक स्टाफ शायर और जुगन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिलहाल मरीज़ की हालत स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है।