
sewage
शहर में सीवरेज पाइप लाइन के मेन हॉल कभी भी किसी के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। गति अवरोधकों का काम कर रहे इन मेन हॉल से शहर का स्वरूप ही बिगड़ गया है। सीवरेज कार्य की मंद गति कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
पूर्ववर्ती सरकार ने चित्तौडग़ढ़ शहर को खुली नालियों से मुक्त करने के उद्देश्य से सीवरेज पाइप लाइन स्वीकृत की थी। इसका काम भी शुरू हो गया, लेकिन सरकार बदलने के बाद यह काम कछुआ चाल से हो रहा है। जबकि इस परियोजना की समयावधि पूर्व में भी बढाई जा चुकी है। प्रताप नगर चौराहे से लेकर सेंती तक सीवरेज लाइन के मेन हॉल इतने अधिक उभार लिए हुए है, जो गति अवरोधक का अहसास करवा रहे हैं। इनसे आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं हो रही है।
वर्षा में ज्यादा दिक्कत
मेन हॉल के ढक्कन भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है, ऐसे में बारिश के दिनों में सड़क पर पानी के बहाव के कारण मेन हॉल नजर ही नहीं आएंगे, ऐसे में वाहन और राहगीर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
गड्ढे खोदकर छोड़ दिए
प्रताप नगर और सिन्धी कॉलोनी सहित अन्य उप नगरीय क्षेत्रों में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए और कई माह गुजरने के बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिला कलक्टर आवास के निकट भी बहुत बड़ा गड्ढा खोद दिया गया, जो कई दिनों से जस की तस स्थिति में है। गड्ढों के कारण स्कूल बसें भी घरों तक नहीं पहुंच पा रही है, इससे अभिभावकों को अन्य स्टॉपेज पर जाकर बच्चों को बसों में स्कूल रवाना करना पड़ रहा है।
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