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10 दिन का काम 1 दिन में कर दिया, अब देख लो…’ अधिकारी ने छोटी बात कहके यूं पल्ला झाडऩे की कोशिश की

डॉक्टर बोले- दो लड़के हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए थे, लेकिन हमने और न ही हमारे स्टॉफ ने दोनों से काम के बदले पैसे की मांग की है। पता नहीं क्या हा ेगया....

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जयपुर

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vijay ram

Jun 30, 2017

 rajasthan hospital news

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सरकारी डिस्पेंसरी में स्टॉफ अपनी जेब भरने में लगा है। चिकित्सक से लेकर कम्पाउंडर तक पैसे मांगने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। हेल्थ सर्टिफिकेट के नाम पर भी उगाही की जा रही है।


गोङ्क्षवद नगर, पश्चिम स्थित डिस्पेंसरी में दो लड़कों से चिकित्सा अधिकारी ने ही डिमांड कर दी है। जब चिकित्सा अधिकारी और स्टॉफ को पता चला कि लड़कों ने रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया है तो पुलिस बुलाने की धमकी देने लगे।


चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार तिवाड़ी छोटी मोटी बात कहकर पल्ला झाडऩे की कोशिश की। वहीं छात्र-विपिन और चंद्रप्रकाश का कहना है कि चिकित्सक और स्टॉफ ने पैसे की मांग की थी। नहीं देने पर हेल्थ सर्टिफिकेट को अनफिट लिखने की बात कही थी।


चिकित्सक-बीपीएड की फुल फॉर्म क्या है?
छात्र- बेचलर ऑफ फिजीकल एजुकेशन

चिकित्सक- सर्टिफिकेट तो सलेक्शन के बाद लगता है। ये कितने साल की होती है।
छात्र- पहले ही लगता है। दो साल की होती है। चार साल से टेस्ट दे रहे हैं।


चिकित्सक- ये काम एसएमएस अस्पताल में होता तो सात दिन लग जाते। हम आपका काम करके अपना सिरदर्द बढ़ा रहे हैं। हम अपना काम क्यों बढाएं? एसएमएस में बड़ा सोर्स होता है तभी वहां से हेल्थ सर्टिफिकेट बनता है।
छात्र- क्या देना है हमको


स्टॉफ - अपने हिसाब से ही दे दो। फ्री में तो हम करते नहीं हैं। ऊपर से मना है।
छात्र - दस रुपए की पर्ची के अलावा और किसके पैसे देने हैं?

चिकित्सक - तेरी मेहनत बचा रहा हूं। तेरी ही भलाई कर रहा हूं।
स्टूडेंट- आपका काम यही है।

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स्टॉफ- डॉक्टर से बहस करने में जमानत नहीं होती। अनफिट का सर्टिफिकेट बनाकर दे दो।
चिकित्सक-झगड़ा करने से क्या फायदा होगा? रिकॉर्डिंग कर ली क्या? इसको डिलीट करो। मैं तुम्हारा सर्टिफिकेट बनाकर दे रहा हूं।


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दो लड़के हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए थे, लेकिन हमने और न ही हमारे स्टॉफ ने दोनों से काम के बदले पैसे की मांग की है। वीडियो बनाने को लेकर दोनों से स्टॉफ का विवाद जरूर हुआ था।
-डॉ. मनोज कुमार तिवाड़ी, चिकित्सा अधिकारी


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