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सलाखों की पीछे पहुंचा देगा दो-चार सौ का लालच

गली-मोहल्लों में फेरी वाले पुराने मोबाइल खरीदकर अपराध को दे रहे बढ़ावा, मोबाइल से अपराध हुआ तो जिम्मेदार होंगे आप

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Nov 19, 2021

सलाखों की पीछे पहुंचा देगा दो-चार सौ का लालच

सलाखों की पीछे पहुंचा देगा दो-चार सौ का लालच

मोहित शर्मा
जयपुर.अगर आपके पास कोई पुराना मोबाइल है और आप उसे किसी अनजान व्यक्ति को बेचने की सोच रहे हैं तो ऐसी गलती बिल्कुल न करें। उस मोबाइल से यदि कोई भी अपराध होता है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ आप होंगे।
साइबर आरोपियों का गैंग देशभर में सक्रिय है और गली मोहल्लों में पुराने मोबाइल फोन के बदले बर्तन, ड्राई फ्रूट जीरा या अन्य चीजे दे रहे हैं, लेकिन मोबाइल बेचने की न कोई लिखा पढ़ी की जा रही है और ना ही आपको बिल दिया जा रहा है। आपका मोबाइल किसे बेचा जाएगा इसकी जानकारी भी किसी के पास नहीं है।
साइबर अपराधी पुराने मोबाइल फोन को ठीक कर ऑनलाइन ठगी आदि के काम ले रहे हैं। जांच के बाद पुलिस उसे पकड़ती है जिसके नाम पर मोबाइल शोरूम से खरीदा गया है। या फिर जिसके नाम से मोबाइल का इंटरनेशनल मोबाइल स्टेशन इक्यूपमेंट आईडेंटीटी (आईएमईआई ) नंबर है। इस प्रकार फेरी वालों को बेचा गया 200 से 500 रुपए का मोबाइल आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है।

दूसरे राज्यों से आतेे हैं फेरी वाले
साइबर अपराधियों से जुड़े 90 फीसदी फेरी वाले दूसरे राज्यों से आते हैं। ये पुराने मोबाइल खरीदकर उन्हें सही कर फिर से एक्टिवेट कर साइबर ठगी में इस्तेमाल करते हैं। अपराध के बाद पुलिस सबसे पहले पहले उसे पकड़ती है जिसके नाम से मोबाइल खरीदा गया होता है। आईएमईआई नंबर से सब कुछ पता चल जाता है।

पुलिस ने पकड़े
पिछले दिनों जयपुर में तत्कालीन डीसीपी अमृता दुहान की टीम ने चोरी के मोबाइल रखने वाले पकड़े। महेश नगर थाना क्षेत्र से सन्नी और मालपुरा गेट थाना क्षेत्र से नवरतन बावरिया को पकड़ा गया। सन्नी के पास 9 और नवरतन के पास 8 मोबाइल बरामद किए। पूछताछ में दोनों बोले उन्हें यह मोबाइल कबाड़ में मिले थे।

मोबाइल बेचें तो पहचान पत्र जरूर लें
फेरी वाले को अपना मोबाइल बेचने से पहले उसका पहचान पत्र, आधार य वोटर कार्ड जरूर ले लें। इससे आप काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। दस्तावेज नहीं होने पर पुलिस मोबाइल मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
मेघचंद मीना, एसीपी कोतवाली


सेल एग्रीमेंट होना आवश्यक
मोबाइल फोन में आईएमईआई नंबर अहम होता है। इसी के ही आधार पर क्राइम होने की स्थिति में पुलिस अपराधी की लोकेशन को ट्रेस करती है। मोबाइल को बेचने की स्थिति में उसका सेल एग्रीमेंट होना जरूरी है। क्योंकि फर्जी आईडी से सिम एक्टिवेट कर अपराधी अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
आयुष भारद्वाज, साइबर स्क्यिोरिटी एक्सपर्ट