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विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण, मासूमों को हादसे का भय

- मासूमों को हो रही परेशानी, हादसे का भय

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विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण, मासूमों को हादसे का भय

विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण, मासूमों को हादसे का भय

पोकरण. शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय भवनों के निर्माण के बाद समय पर मरम्मत नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर भवन क्षतिग्रस्त पड़े है। कई जगहों पर हालात इस कदर है कि भवन पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। जिसके चलते स्टाफ अध्ययनरत बच्चों को भवन में बिठाने से भी कतरा रहे है। क्षेत्र की ऊजला ग्राम पंचायत ऊजला के भैयों की ढाणी में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर होकर ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया है। जबकि जिम्मेदारों की ओर से मरम्मत को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि भैयों की ढाणी में स्थित राप्रावि में करीब 50 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। इस विद्यालय के भवन का निर्माण वर्षों पूर्व करवाया गया था। निर्माण के बाद एक बार भी मरम्मत नहीं किए जाने के कारण भवन जर्जर हालत में पहुंच गया है। जिसकी छतों से हर समय पानी टपकता रहता है। दीवारों से प्लास्टर उखड़ रहा है और फर्श से टाइलें बिखर चुकी है। जिसके कारण बच्चों का कक्षा कक्षों में बैठना भी मुश्किल हो रहा है।
हर समय हादसे का भय
विद्यालय में अध्ययन कर रहे 5वीं तक के छोटे बच्चों के लिए निर्मित कक्षा कक्ष पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। जिसके कारण बच्चों का अंदर बैठना भी मुश्किल हो रहा है। कई बार बच्चों को विद्यालय भवन से बाहर पेड़ों की छांव में बिठाना पड़ता है। साथ ही बारिश के दौरान विद्यालय की छुट्टी करनी पड़ती है। कक्षों में पानी टपकता हैै तो बाहर बैठना संभव नहीं हो पाता है। इसके अलावा भवन के ध्वस्त हो जाने का खतरा बना हुआ है।
कई बार लिखा पत्र
विद्यालय के संस्थाप्रधान ने विद्यालय भवन की मरम्मत को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। गत एक वर्ष से उनकी ओर से मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी एवं पंचायत प्रारंभिक शिक्षाधिकारी को पत्र लिखे जा रहे है। इसमें हादसे की आशंका के साथ बच्चों को हो रही परेशानी के बारे में बताया गया है, लेकिन जिम्मेदारों की ओर से भवन की मरम्मत को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।