
Jalsha
पोकरण. गुजरात के सदर-ए-मुदर्रिश, मदरसा जामिया तालिमुद्दीन ढाबेल गुजरात के शेख-उल-हदीश व मदरसा इस्लामिया देवबंद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मुफ्ती अहमद खानपुरी ने कहा कि दुनिया में जो भी चीज है, भले ही वह सजीव है अथवा निर्जीव, वह सब कुछ अल्लाह की अमानत है तथा जो कुछ भी हो रहा है, वह अल्लाह के रहमोकरम पर है। उन्होंने अल्लाह की दी हुई किसी भी अमानत का बेजा इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत देते हुए कहा कि अमानत में खयानत करना व अमानत का दुरुपयोग करना सबसे बड़ा गुनाह है। उन्होंने कहा कि अमानत का बेजा इस्तेमाल करने वालों को अल्लाह कभी माफ नहीं करेगा, न ही उसे जन्नत नसीब होगी।उन्होंने शुक्रवार की शाम स्थानीय मदरसा इस्लामिया दारूल उलूम में आयोजित एक जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि मालिक ने हर व्यक्ति को आंख, नाक, मुंह, कान व तंदरुस्त बदन दिया है, जो अल्लाह की अजीम अमानत है। उन्होंने आंख से उसी वस्तु को देखने, नाक से उसी गंध को सूंघने, कान से उसी बात को सुनने व मुंह से उसी बात को बोलने की बात कही, जो अल्लाह ने हदीश में बताई है। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी बात को सुनना, बोलना, देखना व खुशबु लेना नाजायज है, जो अल्लाह के बिना फरमान के है। ऐसा करना मालिक की नाफरमानी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जो सुंदर, तंदरुस्त व ताकतवर बदन मिला है, वह अल्लाह की अमानत है। उन्होंने कहा कि शरीर की शक्ति व ताकत का इस्तेमाल गलत कामों तथा किसी अन्य व्यक्ति को परेशान व दु:खी करने के लिए नहीं, बल्कि नेक कामों के लिए करना चाहिए। उन्होंने तालिम पर तकरीर करते हुए कहा कि किसी भी तरह की तालिम एक काबिल इंसान के हाथों से होनी चाहिए। भले ही वह दीनी तालिम हो, या दुनियाई तालिम।जब किसी काबिल, समझदार व इल्म के जानकार के हाथों में कोई भी काम होता है, तो वह जरूर कामयाब होता है। उन्होंने व्यक्ति को जीवन में हक व हलाल की कमाई करने तथा उस कमाई को अच्छे कार्यों में खर्च करने का आह्वान करते हुए कहा कि फिजुल खर्ची भी अल्लाह की नाफरमानी है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी शोहरत व दिखावे के लिए धन की फिजुल खर्ची करते है, जो मजहब में जायज नहीं है।उन्होंने कहा कि कमाए गए धन को खर्च करने से पहले इस बात पर विचार करना चाहिए कि खर्च की जा रही राशि हक व हलाल से कमाई है अथवा हराम की कमाई है। हराम से कमाई हुई दौलत व फिजुल खर्ची से अल्लाह कभी भी खुश नहीं होगा। उन्होंने जल को अल्लाह की बहुत बड़ी अमानत बताते हुए कहा कि लोग पानी को वजू करते समय, गुशल करते समय अथवा अन्य कामों में फिजूल में बहा देते है। उन्होंने कम से कम पानी का उपयोग करने व अल्लाह की इस अमानत को बचाने का आह्वान किया। उन्होंने जीवन में सच्चाई पर चलने व नेक काम करने की सलाह देते हुए कहा कि व्यक्ति की बात में सच्चाई होनी चाहिए तथा उसे नेकी के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सच्चाई पर चलेगा, वही नेक इंसान होगा तथा सच्चाई के साथ नेकी खुद-ब-खुद आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जीवनभर सच्चाई व नेकी के रास्ते पर चलता है, उसी व्यक्ति को जन्नत नसीब होती है। उन्होंने आवाम को इस्लाम के बताए उसूलों पर चलने, अमानत में खयानत नहीं करने, सच्चाई व नेकी पर चलकर आम आवाम की खिदमत करने का आह्वान किया।उन्होंने मुल्क में अमन, चैन, शांति, आपसी भाईचारे व सब की सलामती के लिए दुआ की। इससे पूर्व मुफ्ती जुबैर अहमद ने सभी का स्वागत किया तथा जलसे का संचालन किया। मदरसे के मोहतमीम कारी मोहम्मद अमीन ने जलसे में आए सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया।
Published on:
10 Sept 2016 10:05 pm
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