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वन क्षेत्र में फिर भड़कने लगा दावानल! विगत वर्षों में हो चुकी कई घटनाएं

-नहरी क्षेत्र में अपार वन संपदा हो चुकी जलकर राख -आग बुझाने के साधनों की कमी से बढ़ रही मुसीबतें

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वन क्षेत्र में फिर भड़कने लगा दावानल! विगत वर्षों में हो चुकी कई घटनाएं

जैसलमेर. हाल ही में सरहदी रामगढ़ क्षेत्र के 254 आरडी क्षेत्र में वनीय झाडिय़ों में आग लगने से एक बार फिर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं। सूरज की तपती गर्मी के बीच भडक़ रहा दावानल अब तक अपार वन संपदा को लील चुका है। हालांकि गत दिनों रामगढ़ क्षेत्र में भडक़े दावानल को देर रात तक नियंत्रित कर लिया गया, लेकिन तब तक काफी वनीय पेड़-पौधे आग की भेंट चढ़ चुके थे। हकीकत यह भी है कि विषम भौगोलिक क्षेत्रफल वाले सरहदी जैसलमेर जिले में आग पर काबू पाने के साधन नाकाफी साबित हो रहे हैं। पूर्व में भी गर्मी के दिनों में जिले के वन क्षेत्रों में दावानल भडकऩे के मामले सामने आ चुके हैं। गत दिनों भीषण आग व उस पर काबू पाने में की गई मशक्कत ने एक बार फिर शासन-प्रशासन के कान खड़े कर दिए थे। वैसे, जिले में गत छह वर्षों से भीषण गर्मी में नहर किनारे या वन्य क्षेत्र में घने पेड़ों में आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है। कुछ अग्निकांड इतने भयानक रूप धारण कर लेते हैं, जिन पर काबू पाना आसान नहीं रहता।

हकीकत यह भी
-दावानल भभकने के अधिकांश मामलों में वन क्षेत्र में आग की भीषणता का दौर तभी शांत होता है, जब सब कुछ राख हो जाता है।
-नहरी क्षेत्र में दमकल नहीं होने से कई बार जिला मुख्यालय या फिर पोकरण से दमकल आने तक अपार वन संपदा आग की भेंट।

चारागाहों पर मंडराए आशंका के बादल
-वन क्षेत्रों व प्राकृतिक चारागाहों में भीषण गर्मी के साथ वन संपदा आग की भेंट चढ़ रही है।
-दावानल भभकने से चारा नष्ट होने से पशु आहार भी खाक हो रहा है।
-विगत वर्षों में हुए अग्निकांडों ने वन क्षेत्र व चारागाहों को लील लिया था।

यह है दावानल भडकऩे के कारण

-सघन रूप से उगी घास में सामान्य चिंगारी से भडक़ रही आग
- गर्मी के दिनों में तेज हवा तो कभी घर्षण से आग भभक जाती है।
-समाज कंटकों से भी घास व चारागाह को जला देने का बना रहता है खतरा

वन क्षेत्र में आग लगने की बड़ी घटनाएं
18 मार्च 2013- अवाय-चिन्नू क्षेत्र में नहर किनारे 12 घंटे तक भभकी रही भीषण आग।
6 अप्रेल 2013- सुथारवाला मंडी के पास चारे में लगी आग से हजारों क्विंटल चारा जला।
17 अप्रेल 2013- नाचना फांटा-पोकरण मार्ग में वन-विभाग के क्षेत्र में लगी भीषण आग।
1 मई 2013- भदरिया क्षेत्र में नहर किनारे लगी आग में सैकड़ों पेड़ हुए स्वाह।
4 मई 2013 - नाचना क्षेत्र में आग से वन क्षेत्र में जले पेड़
22 मई 2014- वन-विभग की नसर्री में लगी आग से बड्डा गांव में जले चार झोंपे।
24 मई 2015 - रामगढ़ नहरी क्षेत्र में भीषण आग ने मचाई तबाही।
21 मई 2016 - नाचना क्षेत्र में वन विभाग के पेड़ों में आग लगने से मची अफरा-तफरी।
23 मई 2016 - नाचना क्षेत्र के 1251 आरडी पुलिया से पहले लगी आग से दर्जनों पेड़ जलकर स्वाह।
14 अप्रेल 2017 - नोख क्षेत्र में आग लगने से वन्य क्षेत्र में हुआ नुकसान।
-29 मार्च 2018 - नाचना क्षेत्र में तीन किमी क्षेत्र में लगी आग में नष्ट हुई अपार वन संपदा
-22 मार्च 2019 - रामगढ़ क्षेत्र के 254 आरडी क्षेत्र में झाडिय़ों में भभकी आग।

प्राकृतिक कारण ज्यादा जिम्मेदार
भीषण गर्मी के दौरान नहरी क्षेत्र में आग भभकने से कई बार दावानल भडक़ जाते हैं। इनके कारण अपार वन संपदा नष्ट हो जाती है। अधिकांश मामले में प्राकृतिक कारण ही दावालन भभकने के लिए उत्तरदायी रहते हैं।
-एसके व्यास, कृषि विशेषज्ञ