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Jaisalmer video- स्वर्णनगरी में हर वार, डेढ़ हजार बीमार -मलेरिया काबू में तो मौसमी बीमारियों ने हलकान किया

-जैसलमेर में सरकारी-निजी अस्पतालों में रोजाना डेढ़ हजार से ज्यादा पहुंच रहे मरीज-बुखार, सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त से त्रस्त हो रहे लोग

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जैसलमेर. बारिश के बाद मलेरिया प्रसार से जूझने वाले जैसलमेर जिले के बाशिंदों को इस बार अब तक मलेरिया बुखार के काबू में रहने से राहत मिल रही है तो दूसरी ओर मौसमी बीमारियों की जकडऩ से लोग छटपटाने लगे हैं। जवाहर चिकित्सालय में रोजाना औसतन एक हजार के आसपास मरीज विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त होकर उपचार के लिए पहुंच रहे हैं तो जिला मुख्यालय स्थित अन्य निजी अस्पतालों व क्लिनिकों में भी मरीजों की कहीं कोई कमी नहीं है।ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारियों के सताये हुए हैं। जिन्हें बुखार, सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त, पेटदर्द आदि परेशानियों ने घेर रखा है।
मलेरिया नहीं फैलने पर राहत
जैसलमेर जिला बीते वर्षों के दौरान बरसाती सीजन के बाद मलेरिया बुखार के ताप से तपता रहा है। जिला मलेरिया प्रसार के लिहाज से डार्कजोन में शामिल है लेकिन इस बार हालात अब तक पूर्व की अपेक्षा काफी राहत भरे हैं। सीजन में अब तक मलेरिया के 40 रोगी ही चिह्नित हुए हैं, जिनमें 38 पीवी और महज 2 पीएफ के हैं। यह स्थितियां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए खासी राहतदायी है। हालांकि मौसमी बुखार से ग्रस्त कई लोगों को भी जांच में मलेरिया का असर नहीं होने के बावजूद चिकित्सकों की तरफ से ऐहतियात के तौर पर मलेरिया का उपचार दिया जा रहा है।
जमा पानी से पनप रही गंदगी
बारिष के मौसम के बाद आसपास कई स्थानों में जमा पानी अब भी बना हुआ है। ग्रामीण अंचलों में भी लोगों के घरों के आसपास गंदा पानी इक_ा होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। यही हाल जैसलमेर शहर का है। यहां की कच्ची बस्तियों में पानी निकासी नहीं होने के कारण कच्ची बस्ती में रहने वाले लोग अधिक बीमार पड़ रहे हैं। फिलहाल इन दिनों शहर को साफ सुथरा रखने जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे नाकाफी है। शहर के मुख्य चौराहों में कचरे के ढेर के अलावा आवारा व बीमार पशुओं के विचरण से भी एलर्जी व त्वचा संबंधी रोगों के मरीज भी बढ़ रहे हैं। इन दिनों अधिकांश लोग वायरल बुखार व जुकाम की गिरफ्त में आए हैं।
यहां इतने मरीज
सरकारी अस्पताल जवाहर चिकित्सालय में रोजाना करीब 900 से 1000 मरीज रोज उपचार के लिए आ रहे हैं। इसके अलावा शहर में कई निजी अस्पताल व क्लीनिक हैं जहां प्रतिदिन पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 500 से ऊपर ही है। बच्चों में पेटदर्द और उल्टी-दस्त की समस्या ज्यादा विकराल हो चुकी है।चिकित्सक हालांकि इसे मौसमी बीमारी का नाम दे रहे हैं, लेकिन अभिभावकों के चेहरों पर चिंता की सलवटें साफ देखी जा सकती हैं।

जवारह अस्पताल में पहुंचे मरीज
13 अगस्त - 715
14 अगस्त - 1075
15 अगस्त - 618
16 अगस्त - 1059
17 अगस्त -1009
18 अगस्त - 865
19 अगस्त - 816

उपचार का पूर्ण प्रबंध
जैसलमेर में मलेरिया का हर बार रहने वाला प्रकोप इस बार नहीं है। जबकि बारिश के बाद मलेरिया के फैलने की पूर्ण आशंका रहती है। मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए जैसलमेर सहित जिले भर में चिकित्साकर्मियों तथा दवाइयों की उपलब्धता है।
-डॉ. एनआर नायक, सीएमएचओ, जैसलमेर