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Mock Drill: राजस्थान में बच्चों को मिला बंकर में छिपने का प्रशिक्षण, आतंकी खतरे से पहले तैयारी में जुटे हॉस्टल

Union Home Ministry के निर्देश पर मॉक ड्रिल: हॉस्टल में तैयार हुआ अंडरग्राउंड बंकर, छात्रों को कराया गया ‘बंकर अभ्यास’, जैसलमेर हॉस्टल की अनोखी पहल

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Underground Bunker: जैसलमेर: देशभर में आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर कई राज्यों में मॉक ड्रिल्स (सुरक्षा अभ्यास) कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में जैसलमेर जिले के विनायक हॉस्टल में एक अनोखी और प्रभावी मॉक ड्रिल करवाई गई, जहाँ बच्चों को बंकर में छिपने, लाइट बंद करने और जान बचाने के उपायों की गहन प्रशिक्षण दिया गया।

विनायक हॉस्टल, जो आरएस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से जुड़ा हुआ है, वहां के वार्डन जेठाराम ने बताया कि उन्होंने बच्चों को लगातार सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने कहा, “जब से आतंकवादी हमले की खबरें सामने आईं, हमने बच्चों को तुरंत तैयार करना शुरू कर दिया।" हॉस्टल में एक अंडरग्राउंड बंकर तैयार किया गया है, जिसे विशेष रूप से आपात स्थिति में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

हॉस्टल के बच्चों को सिखाया गया है कि जैसे ही किसी विस्फोट या खतरे की आशंका हो, वे तुरंत तीन फीट ऊंची सतह पर उल्टा लेट जाएं, अपने कान बंद करें और सभी लाइट्स तुरंत बंद कर दें। इसके बाद सभी को बंकर में सुरक्षित पहुंचा दिया जाता है। हॉस्टल में दूसरी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के छात्र हैं, और सभी को उनकी उम्र के अनुसार प्रशिक्षण दिया गया है।


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बच्चे भी इस प्रशिक्षण को गंभीरता से ले रहे हैं। नौवीं कक्षा के छात्र राज चौधरी ने बताया, “हमें बताया गया है कि यदि बम धमाका हो जाए तो उल्टा लेटना है और कान बंद करने हैं, ताकि शरीर पर कोई असर न हो। और अगर खतरा ज्यादा हो, तो नीचे बने बंकर में छिप जाना है।” वहीं एक अन्य छात्र धर्मपाल ने कहा, “हमें सिखाया गया है कि जैसे ही कोई अलर्ट मिले, तुरंत अपनी जगह पर उल्टा लेट जाएं और शांत रहें।”

इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल बच्चों को सुरक्षित रखना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से तैयार बनाना भी है। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार आने वाले दिनों में अन्य स्कूलों और हॉस्टलों में भी इस तरह की मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएंगी।

यह पहल सुरक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे न केवल बच्चों बल्कि अभिभावकों को भी आश्वस्ति मिल रही है कि हमारे देश का भविष्य, आने वाले खतरों से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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