
म्याजलार क्षेत्र में फूड पॉइजनिंग से दो दर्जन से अधिक बीमार
जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीमावर्ती म्याजलार गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों में फूड पॉइजनिंग के चलते 2 दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो गए। जिन्हें उपचार के लिए म्याजलार पीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक और अन्य स्टाफ ने उनका उपचार किया। गनीमत यह रही कि उनमें से अधिकांश को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। यह समाचार जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र पालीवाल ने एफएसओ की टीम को रवाना किया है। बताया जाता है कि फूड पॉइजनिंग का यह मामला नवरात्रि के उपवास के दौरान तीन सता नामक पैकेट के भगर को खाने से हुआ है। म्याजलार चिकित्सा केंद्र पहुंचे मरीजों को पेट दर्द, उल्टी-दस्त आदि की शिकायत थी। जानकारी के अनुसार मंगलवार सायं 4 बजे के बाद वहां फूड पॉइजनिंग के शिकार लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हुआ। करीब 25 जने वहां पहुंचे। जिससे बेड कम पड़ गए और मरीजों को बरामदे व अन्य उपलब्ध जगहों पर लिटा कर उनका उपचार किया गया। बताया जाता है कि जिस ब्रांड का भगर खाने से लोगों की तबीयत बिगड़ी है, वह गुजरात का है। सीएमएचओ डॉ. पालीवाल ने बताया कि चिकित्सा विभाग की एफएसओ टीम की ओर से उसकी सेम्पलिंग की जाएगी और जांच करवाई जाएगी।
मरीजों में ज्यादातर महिलाएं
जानकारी के अनुसार फूड पॉइजनिंग के शिकार मरीजों में अधिकांश महिलाएं हैं। डॉ. पालीवाल ने बताया कि ज्यादातर मरीजों का एक ड्रिप लगाकर या इंजेक्शन देकर उपचार किया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि जिले में और कहीं से इस तरह का मामला अब तक सामने नहीं आया है। सीएमएचओ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले भर के चिकित्सा अधिकारियों से बात की। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिलावासियों से उक्त ब्रांड का भगर खाने से बचने की हिदायत दी गई है।
पूर्व में हो चुकी बड़ी घटना
उपवास के दौरान खाए जाने वाले भगर से फूड पॉइजनिंग का यह पहला मामला नहीं है। गत वर्ष मार्च माह में ऐसा ही बड़ा मामला सामने आया था। तब एक ब्रांड विशेष की भगर खाने से जैसलमेर शहर समेत देवड़ा, चेलक, रामदेवरा, मोहनगढ़, रामा, पोकरण आदि में 250 से ज्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। उस समय जिला मुख्यालय स्थित जवाहिर चिकित्सालय में मरीजों की इतनी भारी तादाद हो गई थी कि उनका उपचार करने के लिए उन्हें ट्रोमा सेंटर और कोरोना वार्ड तक में भर्ती करना पड़ा था।
Published on:
09 Apr 2024 09:08 pm
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