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म्याजलार सडक़ विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी: भाटी

जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने जैसलमेर-म्याजलार सडक़ परियोजना को मिली स्वीकृति पर खुशी जताई है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के लोगों के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपना था, जो अब साकार होने जा रहा है।

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जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने जैसलमेर-म्याजलार सडक़ परियोजना को मिली स्वीकृति पर खुशी जताई है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के लोगों के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपना था, जो अब साकार होने जा रहा है। विधायक भाटी ने बताया कि वर्ष 1981 से जैसलमेर और बाड़मेर का 7 प्रतिशत हिस्सा डीएनपी (राष्ट्रीय मरु उद्यान) क्षेत्र के अंतर्गत आता है। क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है। उन्हें बिजली, पेयजल और कृषि के लिए केसीसी जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। इसके अलावा, जैसलमेर से म्याजलार की सडक़ केवल 3 मीटर चौड़ी थी, जिससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में असुविधा होती थी। विधायक भाटी ने बताया कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में भी डीएनपी क्षेत्र और इस सडक़ के लिए कई प्रयास किए थे। मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व विधायक सांगसिंह, नीम्बसिंह और सीमा जन कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल के साथ मिलकर वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर इस सडक़ को स्वीकृति देने का अनुरोध किया था। गत 15 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में जैसलमेर-म्याजलार सडक़ परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही, डीएनपी क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की भी अनुमति मिल गई है। यह 137 किलोमीटर लंबी सडक़ राष्ट्रीय मरु उद्यान के सभी मापदंडों का पालन करते हुए बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सडक़ क्षेत्र के समग्र विकास, स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं और पर्यटन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्मित की जाएगी। उन्होंने इस निर्णय के लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया।