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लगाए कम, आए और कम, टिके कतई कम

-नियुक्ति के बावजूद बहुत कम डॉक्टर सेवा देने पहुंचते है जैसलमेर -जवाहर चिकित्सालय में पांच नए चिकित्सकों के पदस्थापन के आदेश

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jaisalmer govt. hospital

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जैसलमेर. चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान भर के सबसे पिछड़े जिलों की फेहरिस्त में शामिल सरहदी जैसलमेर जिले के सबसे बड़े राजकीय जवाहर चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी किसी से छिपी नहीं है। अब पांच चिकित्सकों को जवाहर अस्पताल में पदस्थापित करने से लोगों में चिकित्सा व्यवस्था सुधरने की उ मीद जगने लगी है। बावजूद इसके यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है कि क्या लगाए गए चिकित्सक जैसलमेर आएंगे और आ भी गए तो क्या यहां स्थायी तौर पर रहकर अपनी सेवाएं जिलावासियों को देंगे ? फिलहाल पांच में से एक चर्म और रतिरोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है, जबकि मानसिक रोग विशेषज्ञ का यहां आने से पहले ही तबादला आदेश पहुंच गया। शेष तीन चिकित्सकों का इंतजार किया जा रहा है।

डॉक्टर पहुंचने से पहले ही तबादला आदेश

हाल में प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के पदस्थापन आदेश के अंतर्गत जैसलमेर के जवाहर चिकित्सालय में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाषचंद चौहान, चर्म एवं रतिरोग विशेषज्ञ डॉ. नसीरुद्दीन, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेमप्रकाश, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार तथा अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश कुमार को पदस्थापित किया। इनमें से डॉ. सुभाषचंद के जैसलमेर पहुंचने से पहले ही सरकार की ओर से उनका तबादला जैसलमेर से चूरू कर दिए जाने के आदेश पहुंच गए। शेष विशेषज्ञों का इंतजार बना हुआ है। गौरतलब है कि जवाहर चिकित्सालय में उक्त सभी विशेषज्ञों की सेवाओं की लंबे समय से कमी महूसस की जा रही है।

लगाए कम, आए और कम, टिके कतई कम

विगत समय में जैसलमेर की यात्रा पर आए चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने जवाहर चिकित्सालय का दौरा करने के दौरान जैसलमेर में १५० नए डॉक्टर लगाने का ऐलान कर खूब वाहवाही बटोरी थी, लेकिन सरकार यहां ३६ डॉक्टर ही लगा पाई। उनमें से २० ने जॉइन किया तथा १०-११ डॉक्टर ऐसे थे, जो जॉइन करने के एक-दो रोज बाद ही यहां से चलते बने।इस तरह चिकित्सकों की कमी बदस्तूर कायम बनी हुई है।

प्रमाण पत्र जारी करने में भी मुश्किल

जैसलमेर जवाहर चिकित्सालय में मानसिक रोग, नेत्ररोग, अस्थिरोग आदि के विशेषज्ञों का अभाव विगत वर्षों से बना होने के कारण मरीजों को शहर के निजी चिकित्सालयों अथवा बाहरी शहरों का रुख करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अभाव में जिले का एकमात्रसरकारी अस्पताल महज मौसमी बीमारियों का उपचार तथा प्रसव संबंधी सेवाएं ही प्रदान कर पा रहा है। इसके अलावा किसी भी आयुवर्ग के दिव्यांग को प्रमाण पत्रतक उनके अभाव में जारी नहीं हो पा रहे हैं। जिससे शारीरिक तौर पर दु:खी ऐसे लोग राजकीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से भी वंचित रह रहे हैं।

ज्वाइन करेंगे तो मिलेगा लाभ

निदेशालय की ओर से जैसलमेर में पांच विशेषज्ञचिकित्सकों को लगाया गया है। इनमें से एक का तबादला कर दिया गया तथा एक ने जॉइन किया। यदि बाकी सभी चिकित्सक यहां आकर काम संभाल लेते हैं तो मरीजों को बहुत लाभ मिल सकता है।

-डॉ. जेआर पंवार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जवाहर चिकित्सालय, जैसलमेर