
सधी हुई हवा, धूप की सुनहरी परत और कलात्मक इमारतों व रेत के ढलानों पर फैलती लंबी परछाइयां—जैसलमेर इन दिनों कैमरों की दुनिया का नया चहेता बन गया है। शहर का मोह अब केवल उसके ऐतिहासिक दुर्ग या हवेलियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर वो जगह जहां रोशनी किसी कहानी की शुरुआत करती दिखाई दे, आज प्री-वेडिंग शूट का आकर्षक मंच बन चुकी है। यहां की गलियां किसी सेट की तरह नहीं, बल्कि किसी जीवित इतिहास की तरह कैमरे के सामने खुलती हैं।
सूरज के निकलते ही दुर्ग की दीवारों पर पड़ती किरणें और शाम होते-होते रेगिस्तान में बिखरती सुनहरी धुंध—ऐसे दृश्य किसी भी फ्रेम को यादों का खजाना बना देते हैं। नवयुगल अब सिर्फ शूट नहीं करवाते, बल्कि अपनी कहानी यहां रचते हैं। ऐतिहासिक गड़ीसर झील का शांत जल, बड़ाबाग की छतरियों का वैभव, और सम-खुहड़ी के अनंत टीलों की लय—हर स्थल उनके रिश्ते की रंगत में एक नया अध्याय जोड़ देता है। जैसलमेर दुर्ग और पटवों की हवेली जैसे धरोहर स्थल शूट को ऐतिहासिक गरिमा देते हैं, जिससे हर तस्वीर समय से परे खड़ी महसूस होती है।
जैसे ही ये तस्वीरें इंस्टाग्राम, फोटोग्राफी पोर्टल्स और यूट्यूब पर पहुंचती हैं, जैसलमेर की पहचान कई परतों में खुलती जाती है—एक शहर के रूप में, एक विरासत के रूप में, और एक सपने जैसे गंतव्य के रूप में। होटल, रिसोर्ट, गाइड और कैब सभी को इसका सीधा सकारात्मक प्रभाव मिला है। छायाकारों की मांग बढ़ चुकी है। कई युवा इस क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाश रहे हैं, जिससे शहर के पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों को गति मिल रही है।
Published on:
11 Dec 2025 11:52 pm
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