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अटक गई सरसों की खरीद, नहीं आया बारदाना

सरकार की ओर से किसानों के हित में कई तरह की योजनाएं चलाकर आमजन को लाभ पहुंचाने के दावे कर रहे है। साथ ही उन्नत कृषि को लेकर कई तरह के प्रशिक्षण भी दिए जा रहे है। जबकि उपज की खरीद के लिए समय पर खरीद केन्द्र शुरू नहीं करने के कारण किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा है।

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अटक गई सरसों की खरीद, नहीं आया बारदाना

नाचना. खरीद केन्द्र पर ट्रैक्टर में बेचने के लिए लाई गई फसल।

पोकरण. क्षेत्र के नाचना गांव में भी सरसों की खरीद के लिए 50 दिन बाद भी बारदाना नहीं पहुंचने के कारण खरीद शुरू नहीं हो पाई है। ऐसी स्थिति में किसान बाजार में कम दामों में उपज बेचने को मजबूर हो रहे है। गौरतलब है कि गत 1 अप्रेल को सरकार की ओर से क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से फसल खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। 90 दिनों तक फसल खरीद की जानी है। चने व सरसों की फसल खरीद के लिए समर्थन मूल्य भी तय कर दिया गया है। केन्द्र पर 5450 रुपए प्रतिक्विंटल के भाव से सरसों व 5335 रुपए प्रतिक्विंटल के भाव से चने की खरीद की जानी थी। जबकि राजफेड की ओर से अभी तक जिले के किसी भी केन्द्र पर बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया गया है। जिसके कारण खरीद शुरू नहीं हो पा रही है।

गत 1 अप्रेल से चने व सरसों की खरीद शुरू होनी थी। जिसको लेकर पंजीयन शुरू कर दिया गया था। नियमानुसार एक किसान की 25 क्विंटल उपज की खरीद समर्थन मूल्य पर की जाती है। जिसके चलते किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन करवाकर टॉकन भी कटवा लिए। साथ ही खरीद केन्द्रों पर गाडिय़ां भरकर पहुंच गए, लेकिन अभी तक बारदाने के अभाव में तुलाई शुरू नहीं हो पाई और किसान 50 दिन बाद भी इंतजार कर रहे है। जिले के नाचना, मोहनगढ़, राजमथाई, चांधन सहित 7 केन्द्रों पर फसलों की खरीद की जानी थी।

40 दिन बाद हो जाएगी बंद
सरकार की ओर से 1 अप्रेल को चने व सरसों की खरीद के आदेश दिए गए थे और आगामी 90 दिनों तक खरीद की जानी थी, लेकिन 50 दिन बीतने के बाद भी फसलों की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। अब मात्र 40 दिनों का समय ही शेष रहा है। यदि खरीद केन्द्र शीघ्र शुरू नहीं होते है तो किसानों को बाजार भाव में कम दामों पर फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
खरीद बुआई होने वाली शुरू, हो रहा नुकसान
रबी की फसल की कटाई के बाद अभी तक खरीद केन्द्र शुरू नहीं हुए है। जबकि खरीफ की बुआई का दौर भी शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति में किसानों को रुपए की जरुरत है। किसान अपनी उपज बेचकर खरीफ की बुआई में जुटने की तैयारी कर रहे है। जिसके चलते किसान अब बाजार में फसल बेचने को मजबूर हो रहे है। बाजार में चने व सरसों की फसलों के दाम औसतन 4500 व 4600 रुपए ही है। जिसके कारण किसानों को 900 से 1500 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से बारदाना शीघ्र उपलब्ध करवाने और फसल खरीद शुरू करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।