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Jaisalmer: अब विस्फोट का खतरा, जमीन फटने का डर, इलाका खाली कराया, धारा 163 लागू

Jaisalmer: यह क्षेत्र अभी भी प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। आम जनता को सख्त हिदायत दी गई है कि वे इस क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में प्रवेश न करें।

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Jaisalmer: मोहनगढ़ उपतहसील के 27 ईडी जोरा माइनर क्षेत्र में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान 28 दिसंबर 2024 को जमीन से पानी और गैस का रिसाव शुरू हुआ था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, यह रिसाव अपने आप 29 दिसंबर की रात 10 बजे बंद हो गया, लेकिन क्षेत्र में खतरा अभी भी बरकरार है। इस क्षेत्र में हानिकारक गैस के दोबारा रिसाव, भूमि धंसने और विस्फोट जैसी घटनाओं की संभावना जताई जा रही है।

जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू की

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट जैसलमेर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की है। यह क्षेत्र अभी भी प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। आम जनता को सख्त हिदायत दी गई है कि वे इस क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में प्रवेश न करें।

विशेषज्ञों की राय का इंतजार

घटनास्थल पर विशेषज्ञों की टीम द्वारा जांच की जा रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रिसाव पूरी तरह से बंद हुआ है या यह दोबारा शुरू हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह संभावना जताई है कि अगर रिसाव दोबारा शुरू होता हैए तो जहरीली गैस का उत्सर्जन, भूमि धंसने और विस्फोट जैसी घटनाएं हो सकती हैं।

स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को चेतावनी

ट्यूबवेल के आसपास के किसानों और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है। उप तहसीलदार और कार्यपालक मजिस्ट्रेट ललित चारण ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक विशेषज्ञों की पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक ट्यूबवेल में फंसे उपकरणों को बाहर निकालने की कोशिश न की जाए। इसके अलावाए क्षेत्र में मवेशियों को भी ले जाने पर रोक लगाई गई है। जिला प्रशासन ने जनता से अनुरोध किया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा.निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करें। यह कदम क्षेत्र में किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए उठाया गया है।