बड़ी संख्या में उमड़े लोग
मंगलवार दिन में निकाले गए जुलूस में दोनों गांवों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इनमें महिलाओं व बच्चों की भी मौजूदगी रही। जुलूस में शामिल लोगों ने हाथों में बैनर और तख्तियां थाम रखी थी। उन्होंने सरकार के निर्णय को अनुचित बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की। जुलूस में महंत बाल भारती, अमरसागर सरपंच पूनम मेघराज परिहार, पूर्व सरपंच देवकाराम सोलंकी और भोजराज कच्छावा, भगवान सिंह परिहार, कमल सोलंकी, अनिल भाटी, दिनेश शर्मा विजय बिस्सा, राम भील, प्रकाश शर्मा, माली सैनी समाज अध्यक्ष देवीलाल पंवार, कल्याण राम पंवार, लक्ष्मण सोलंकी आदि उपस्थित रहे।
4 का था प्रस्ताव, 2 पर लगी मुहर
गौरतलब है कि नगरपरिषद क्षेत्र के परिसीमन की कवायद के सिलसिले में पहले अमरसागर, किशनघाट के साथ बड़ाबाग और मूलसागर गांवों को भी जैसलमेर नगरपरिषद क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव भिजवाया गया था। जिसे सरकार ने पुनर्विचार के लिए प्रशासन को भेजा और उसके बाद अमरसागर व किशनघाट को शहर सीमा में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी। दोनों गांवों के ग्रामीणों की आपत्ति है कि वर्तमान में उन्हें पंचायतीराज की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है, जो नगरपरिषद क्षेत्र में आने से बंद हो जाएगा। इसी तरह से दोनों गांवों के निवासी पशुपालक हैं और उनके आजीविका का मुख्य स्रोत पशुपालन व खेती है। नगरपरिषद क्षेत्र में आ जाने से उनके पशुओं को विचरण करने में परेशानी होगी।