
नहीं हो रही नियमों की पालना, गलियों में से गुजरना हुआ दुश्वार
पोकरण. करीब 25 हजार से अधिक की आबादी के पोकरण कस्बे के हर गली मोहल्ले में बिना नियम व मापदंडों के बनाए गए गति अवरोधकों के कारण वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी हो रही है तो हर समय हादसे की भी आशंका बनी हुई है। जबकि जिम्मेदारोंं की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि कस्बे के गली मोहल्लों में जब नई सड़कों का निर्माण होता है तो हर व्यक्ति अपने घर के पास गति अवरोधक बनाने की चाह रखता है। कार्यकारी एजेंसी व मजदूरों से विनती कर व्यक्ति गली मोहल्लों में गति अवरोधक तो बनवा देते है, लेकिन यही बिना किसी नियम व मापदंडों के बनाए गए ये गति अवरोधक आमजन के लिए दुविधा का सबब बन जाते है। कई बार रात के समय अनजान वाहन चालक इन गति अवरोधकों के कारण हादसे का शिकार हो जाता है। कस्बे के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों और मुख्य सड़कों के भी यही हालात है। बिना किसी अनुमोदन, उच्चाधिकारियों की बिना स्वीकृति के नियमों एवं मापदंडों को ताक पर रखकर ऐसे गति अवरोधक बनाए गए है। जिसके कारण आमजन को परेशानी हो रही है। बावजूद इसके अब उच्चाधिकारियों की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
क्या कहते है नियम
- इंडियन रोड कांग्रेस की ओर से देशभर में गति अवरोधकों को लेकर गाइडलाइन बनाई गई है। गति अवरोधक बनाते समय इस गाइडलाइन एवं नियमों का पालन करना आवश्यक है।
- इंडियन रोड कांग्रेस के अनुसार गलियों में गति अवरोधक बनाने का कोई नियम नहीं है। यदि जरूरी होता है तो जिला यातायात सुरक्षा समिति के अनुमोदन के बाद ही मापदंड के अनुसार बनाया जा सकता है।
- गाइडलाइन के अनुसार गति अवरोधक की अधिकतम ऊंचाई 10 सेमी, लंबाई 3.5 मीटर व वृताकार रेडियस 17 सेमी होना चाहिए। गति अवरोधक के दोनों तरफ 2.2 मीटर का स्लोप दिया जाना चाहिए, ताकि बिना झटका लगे वाहन निकल सके।
- गति अवरोधक पर थर्मो प्लास्टिक व्हाइट पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात में भी नजर आ सके।
- वाहन चालक को गति अवरोधक की जानकारी देने के लिए गति अवरोधक से 40 मीटर पहले चेतावनी व संकेतक बोर्ड लगा होना चाहिए।
पग-पग पर बना दिए गति अवरोधक
कस्बे के प्रत्येक गली मोहल्ले में गति अवरोधक देखा जा सकता है, वह भी एक-दो नहीं, बल्कि 6 से 7 गति अवरोधक। हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके घर के आगे गति अवरोधक बने। जिसके चलते कस्बे में गति अवरोधकों की मानो भरमार हो गई है। कस्बे में सालमसागर तालाब से आशापुरा जाने वाले 3-4 मार्गों पर तो हर गली में आधा दर्जन से अधिक गति अवरोधक बने हुए है। यहां हर 80 से 100 मीटर की दूरी पर गति अवरोधक देखा जा सकता है।
न नियम, न मापदंड
कस्बे के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली मुख्य सड़कों पर भी यही हाल है। हर जगह गति अवरोधक देखे जा सकते है। उनमें भी नियमों व मापदंडों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। मनमर्जी से छोटे-बड़े गति अवरोधक बनाए गए है। यही नहीं इन गति अवरोधकों के निर्माण के दौरान सक्षम स्तर से कोई स्वीकृति भी नहीं ली गई है। जिसके कारण गति कम करने के लिए बनाए गए गति अवरोधक आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। साथ ही हादसे को भी निमंत्रण दे रहे है।
ब्रेकर दे रहे बीमारियां
कस्बे में कुछ गली मोहल्लों में बिना नियम व मापदंड के इस प्रकार से गति अवरोधक बनाए गए है कि आमजन को बीमार भी कर रहे है। अमानक व ऊंचे बनाए गए गति अवरोधक गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों के लिए घातक सिद्ध हो रहे है। इसके अलावा गति अवरोधक में स्लोप नहीं दिए जाने के कारण वाहन चालकों व सवार लोगों की रीढ़ की हड्डी में झटका लगता है। जिससे हड्डियां क्रेक या मसल्स डैमेज हो सकती है। जिससे कमर दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
नहीं लेते है स्वीकृति
इंडियन रोड कांग्रेस के नियमानुसार गति अवरोधक लोगों व यातायात पुलिस की मांग पर बनाने होते है। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को आवेदन देना होता है। विभाग के अधिकारी आवश्यकता जांचने के बाद स्वीकृति देते है। इसके अलावा गलियों में गति अवरोधक के लिए जिला यातायात सलाहकार समिति में आवेदन करना होता है। गली मोहल्लों में गति अवरोधक बनाना गैरकानूनी है। कस्बे के साथ क्षेत्र में गति अवरोधक बनाने के दौरान न तो कोई स्वीकृति ली जाती है, न ही सूचना देते है। बावजूद इसके नियमों के अंतर्गत जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
फैक्ट फाइल:-
- 25 हजार से अधिक है पोकरण कस्बे की आबादी
- 50 से अधिक गली मोहल्लों में बने है गति अवरोधक
- 3 से 4 गति अवरोधक हर गली में है निर्मित
Published on:
07 Apr 2023 08:05 pm
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