
पोकरण/जैसलमेर.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा करने और करवाने को लेकर शिक्षक व विद्यार्थी सभी के सामने सवालिया निशान खड़ा हो गया है। विद्यालयों में अध्ययन के लिए अब महज 17 दिन का समय ही शेष रह गया है। बोर्ड की ओर से कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 5 मार्च व 10वीं की परीक्षाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए आगामी 21 फरवरी से छुट्टियां ( Holiday in schools ) हो जाएंगी, जबकि कई विद्यालयों में इन कक्षाओं में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के कई विषयों का पाठ्यक्रम अभी तक पूरा नहीं हो सका है तथा आगामी दिनों में बचे कार्य दिवसों में इसे पूरा करना शिक्षकों के लिए चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। दूसरी तरफ ये छुट्टियां छात्र छात्राओं के लिए चिंता व परेशानी का सबब बनी हुई हैं।
पंचायत चुनाव व सरकारी छुट्टियां पढ़ाई में बाधक ( Rajasthan Education News )
बोर्ड कक्षाओं की छुट्टियां 21 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं। इन परीक्षाओं के शुरू होने में अब मात्र 39 दिन शेष रहे है। इन 39 दिनों में 22 दिन तक राजकीय अवकाश व पंचायतराज चुनाव होने के कारण शिक्षण कार्य बंद रहेगा। इसके अलावा अधिकांश माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापकों व व्याख्याताओं के पद रिक्त होने के कारण सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों का कॉर्स अभी तक अधूरा पड़ा है। जिसका सीधा असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा। इसी को लेकर छात्र छात्राएं चिंतित है।
ये हैं छुट्टियां
आगामी 21 फरवरी तक सरकारी छुट्टियां व पंचायतराज चुनाव को मिलाकर 22 दिन तक विद्यालय में शिक्षण कार्य बाधित रहेगा। इस माह चार चरणों में होने वाले पंचायतीराज चुनाव के दौरान नामांकन जमा करवाने, वापसी तथा मतदान के दौरान तीन-तीन दिन कुल 12 दिन तक विद्यालय बंद रहेंगे। इसी प्रकार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 2, 9 व 16 फरवरी को रविवार तथा 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का अवकाश है। इसी प्रकार गणतंत्र दिवस पर 10 दिनों तक पूर्वाभ्यास के दौरान भी शिक्षण कार्य प्रभावित होगा। इस तरह कुल मिलाकर 21 फरवरी तक 39 दिन में 22 दिन तक अवकाश व शिक्षण कार्य प्रभावित रहेगा। ऐसे में छात्र छात्राओं की पढ़ाई के लिए गिनती के दिन ही बचेंगे। विद्यालयों में पढ़ाई व पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को परीक्षा में भुगतने की नौबत आ सकती है।
देरी से मिलीं पाठ्यपुस्तकें
क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां पाठ्यपुस्तकें भी देरी से पहुंची हैं। जुलाई में शिक्षा सत्र शुरू हो जाने के बावजूद नवम्बर व दिसम्बर माह तक पाठ्यपुस्तकें पहुंची हैं। ऐसे में उनका शिक्षण कार्य भी देरी से शुरू हुआ है। उनके लिए यह समस्या कोढ़ में खाज का काम करेगी।
शगुनोत्सव की तैयारी में भी लगेगा एक सप्ताह
इस वर्ष शिक्षा विभाग की ओर से जनवरी माह में विद्यालयों में शगुनोत्सव कार्यक्रम आयोजित करने के आदेश जारी किए गए थे। जनवरी माह में चुनाव के चलते अब संस्थाप्रधान अपने स्तर पर फरवरी माह में शगुनोत्सव का कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस कार्यक्रम में पूर्व छात्रों को भी आमंत्रित किया जाएगा। ऐसे में एक सप्ताह इस कार्यक्रम की तैयारी में भी लगेगा। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होगा।
दी गई जिम्मेदारी, कर रहे प्रयास
इस बार सरकार की ओर से प्रत्येक अधिकारी को विद्यालय आवंटित कर बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के निर्देश दिए हैं। यदि बोर्ड परीक्षा परिणाम प्रभावित होता है, तो अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई होगी। प्रत्येक विद्यालय की अधिकारियों की ओर से मोनीटरिंग की जा रही है तथा कोर्स पूरा करवाने के साथ बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को उच्च स्तर का रखने के लिए कार्य किया जा रहा है।
- विष्णुकुमार छंगाणी, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी पंचायत समिति सांकड़ा, पोकरण
( प्रतीकात्मक तस्वीर )
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Updated on:
07 Jan 2020 07:14 pm
Published on:
07 Jan 2020 07:05 pm
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